मुंबई
रिजर्व बैंक विभिन्न नोटों की पहचान करने में दृष्टिबाधित लोगों की मदद करने के लिए एक मोबाइल एप विकसित कर रहा है। रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को बंबई उच्च न्यायालय को इसकी जानकारी दी। रिजर्व बैंक का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवता श्याम मेहता ने मुख्य न्यायाधीश नरेश पाटिल और न्यायमूर्ति एनएम जामदार की पीठ को बताया कि केंद्रीय बैंक ने ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित करने के लिए पिछले महीने चार सदस्यीय समिति गठित की है। पीठ नेशनल एसोसिएशन ऑफ द ब्लाइंड की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में कहा गया है कि नए नोट और सिकों को छूकर पहचान पाना बेहद मुश्किल है। याचिका में मांग की गई है कि नए नोट और सिकों में विशिष्ट फीचर दिए जाएं। रिजर्व बैंक ने न्यायालय को कहा कि देश में 100 रुपए और इससे अधिक के ही नए नोट प्रचलन में हैं और इनमें दृष्टिबाधित लोगों की सुविधा के लिए पहले से ही चिह्न मौजूद हैं। रिजर्व बैंक ने माना कि ये चिह्न समय के साथ मिटते चले जाते हैं। इसी कारण एप विकसित करने पर काम किया जा रहा है जो नि:शुल्क उपलध होगा और दृष्टिबाधित लोगों की मदद करेगा।
रिजर्व बैंक विभिन्न नोटों की पहचान करने में दृष्टिबाधित लोगों की मदद करने के लिए एक मोबाइल एप विकसित कर रहा है। रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को बंबई उच्च न्यायालय को इसकी जानकारी दी। रिजर्व बैंक का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवता श्याम मेहता ने मुख्य न्यायाधीश नरेश पाटिल और न्यायमूर्ति एनएम जामदार की पीठ को बताया कि केंद्रीय बैंक ने ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित करने के लिए पिछले महीने चार सदस्यीय समिति गठित की है। पीठ नेशनल एसोसिएशन ऑफ द ब्लाइंड की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में कहा गया है कि नए नोट और सिकों को छूकर पहचान पाना बेहद मुश्किल है। याचिका में मांग की गई है कि नए नोट और सिकों में विशिष्ट फीचर दिए जाएं। रिजर्व बैंक ने न्यायालय को कहा कि देश में 100 रुपए और इससे अधिक के ही नए नोट प्रचलन में हैं और इनमें दृष्टिबाधित लोगों की सुविधा के लिए पहले से ही चिह्न मौजूद हैं। रिजर्व बैंक ने माना कि ये चिह्न समय के साथ मिटते चले जाते हैं। इसी कारण एप विकसित करने पर काम किया जा रहा है जो नि:शुल्क उपलध होगा और दृष्टिबाधित लोगों की मदद करेगा।
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