नई दिल्ली/मुंबई
बाबा रामदेव के नेतृत्व वाली कंपनी पतंजलि आयुर्वेद द्वारा रुचि सोया का प्रस्तावित अधिग्रहण अंतिम चरण में पहुंच गया है। कर्जदाताओं की कमिटी ने बैठक में प्रस्तावित सौदे को अपनी मंजूरी दे दी है। घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले दो अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। एक अधिकारी ने बताया कि सौदे की घोषणा इसी महीने हो जाने की उम्मीद है। पतंजलि आयुर्वेद के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने सीओसी की हुई बैठक की पुष्टि की, लेकिन इस बारे में कोई विस्तृत जानकारी देने से इंकार कर दिया। रुचि सोया को भेजे गए ई-मेल का भी कोई जवाब नहीं मिला। पिछले महीने बाबा रामदेव के नेतृत्व वाली पतंजलि ने कर्ज में डूबी रुचि सोया को खरीदने के लिए बोली को बढ़ाकर 4,350 करोड़ रुपए कर दिया था, जो अडाणी विल्मर द्वारा लगाई गई 4,100 करोड़ रुपए की बोली से 200 करोड़ रुपए अधिक थी। 4,350 करोड़ रुपए में से 115 करोड़ रुपए कंपनी के शेयर के रूप में आएंगे, जबकि बाकी 4,235 करोड़ रुपए कंपनी के कर्जदाताओं के बीच बंटेंगे। सार्वजनिक क्षेत्र की आईडीबीआई बैंक और एसबीआई ने रुचि सोया को सबसे ज्यादा कर्ज दे रखा है। अडाणी विल्मर ने भी दिवालिया हुई इस कंपनी को खरीदने के लिए बोली लगाई थी, लेकिन हाल में दिवाला प्रक्रिया में विलंब का हवाला देते हुए अपना पैर पीछे खींच लिया था। घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि पतंजलि कर्जदाताओं को 4,235 करोड़ रुपए देने से संबंधित विस्तृत जानकारी कुछ दिनों के भीतर बैंकों को दे देगी। उन्होंने कहा कि फंड को आपस में बांटने के लिए कर्जदाताओं की कमिटी अप्रैल के तीसरे सप्ताह में बैठक करेगी। रुचि सोया पर 12,000 रुपए के आसपास कर्ज है। इसके पास न्यूट्रेला, महाकोष, सनरिच, रुचि स्टार और रुचि गोल्ड जैसे ब्रांड्स हैं। स्टैंडर्ट चार्टर्ड बैंक और डीबीएस बैंक की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद कर्ज में डूबी कंपनी रुचि सोया को राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण् के पास भेजा गया था।
बाबा रामदेव के नेतृत्व वाली कंपनी पतंजलि आयुर्वेद द्वारा रुचि सोया का प्रस्तावित अधिग्रहण अंतिम चरण में पहुंच गया है। कर्जदाताओं की कमिटी ने बैठक में प्रस्तावित सौदे को अपनी मंजूरी दे दी है। घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले दो अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। एक अधिकारी ने बताया कि सौदे की घोषणा इसी महीने हो जाने की उम्मीद है। पतंजलि आयुर्वेद के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने सीओसी की हुई बैठक की पुष्टि की, लेकिन इस बारे में कोई विस्तृत जानकारी देने से इंकार कर दिया। रुचि सोया को भेजे गए ई-मेल का भी कोई जवाब नहीं मिला। पिछले महीने बाबा रामदेव के नेतृत्व वाली पतंजलि ने कर्ज में डूबी रुचि सोया को खरीदने के लिए बोली को बढ़ाकर 4,350 करोड़ रुपए कर दिया था, जो अडाणी विल्मर द्वारा लगाई गई 4,100 करोड़ रुपए की बोली से 200 करोड़ रुपए अधिक थी। 4,350 करोड़ रुपए में से 115 करोड़ रुपए कंपनी के शेयर के रूप में आएंगे, जबकि बाकी 4,235 करोड़ रुपए कंपनी के कर्जदाताओं के बीच बंटेंगे। सार्वजनिक क्षेत्र की आईडीबीआई बैंक और एसबीआई ने रुचि सोया को सबसे ज्यादा कर्ज दे रखा है। अडाणी विल्मर ने भी दिवालिया हुई इस कंपनी को खरीदने के लिए बोली लगाई थी, लेकिन हाल में दिवाला प्रक्रिया में विलंब का हवाला देते हुए अपना पैर पीछे खींच लिया था। घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि पतंजलि कर्जदाताओं को 4,235 करोड़ रुपए देने से संबंधित विस्तृत जानकारी कुछ दिनों के भीतर बैंकों को दे देगी। उन्होंने कहा कि फंड को आपस में बांटने के लिए कर्जदाताओं की कमिटी अप्रैल के तीसरे सप्ताह में बैठक करेगी। रुचि सोया पर 12,000 रुपए के आसपास कर्ज है। इसके पास न्यूट्रेला, महाकोष, सनरिच, रुचि स्टार और रुचि गोल्ड जैसे ब्रांड्स हैं। स्टैंडर्ट चार्टर्ड बैंक और डीबीएस बैंक की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद कर्ज में डूबी कंपनी रुचि सोया को राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण् के पास भेजा गया था।
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