मुंबई
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और शिवसेना ने 2014 के चुनाव में मिली जीत को कायम रखा। लेकिन शिवसेना का 2014 के मुकाबले 2019 के चुनाव में मत फीसदी में बढ़ोतरी हुई है, जिसका फायदा आगामी विधानसभा चुनाव में शिवसेना को मिलेगा। 2014 की तरह 2019 के चुनाव में 23 सीटों पर भाजपा और 18 सीटों पर जीत दर्ज करने वाली शिवसेना को भले ही सीटों को लेकर फायदा नहीं हुआ है, लेकिन उसके मतों में 0.3 फीसदी का इजाफा हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को कुल 1 करोड़ 33 लाख मत मिले थे, जो 2019 के चुनाव में डेढ़ करोड़ पहुंच गए। शिवसेना को 2014 के चुनाव जहां एक करोड़ मत मिले थे, वहीं 2019 के चुनाव में यह बढ़कर एक करोड़ 25 लाख तक पहुंच गए हैं। वहीं अगर कांग्रेस पार्टी की बात करें तो 2014 के चुनाव में उसे 88 लाख 30 हजार वोट मिले थे जो 2019 के चुनाव में 33 हजार घटकर 88 लाख पहुंच गए हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और शिवसेना की हुई युति में शिवसेना को बड़ा फायदा हुआ है। जानकारों की मानें तो अगर भाजपा और शिवसेना के बीच युति नहीं होती तो शिवसेना को घाटा हो सकता था। चुनाव के दौरान भाजपा द्वारा चलाये गए मतदान फीसदी बढ़ाने के अभियान से शिवसेना एक करोड़ से एक करोड़ 25 लाख पहुंच गई है। शिवसेना की प्रवक्ता नीलम गोरे ने दावा किया हैं कि 2014 के मुकाबले 2019 के चुनाव में शिवसेना के मत फीसदी में बढ़ोतरी हुई है, जिसको लेकर उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राकांपा के मतों में आई गिरावट का फायदा शिवसेना को मिला है। प्रवक्ता नीलम गोरे ने कहा कि राज्य के 48 लोकसभा सीटों पर भाजपा और शिवसेना को लगभग 50 फीसदी से ज्यादा और कांग्रेस एवं राकांपा को 31 फीसदी मत मिले हैं, जो 2014 के लोकसभा चुनाव में युति को 48 और आघाड़ी की 34 फीसदी मत मिले थे।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और शिवसेना ने 2014 के चुनाव में मिली जीत को कायम रखा। लेकिन शिवसेना का 2014 के मुकाबले 2019 के चुनाव में मत फीसदी में बढ़ोतरी हुई है, जिसका फायदा आगामी विधानसभा चुनाव में शिवसेना को मिलेगा। 2014 की तरह 2019 के चुनाव में 23 सीटों पर भाजपा और 18 सीटों पर जीत दर्ज करने वाली शिवसेना को भले ही सीटों को लेकर फायदा नहीं हुआ है, लेकिन उसके मतों में 0.3 फीसदी का इजाफा हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को कुल 1 करोड़ 33 लाख मत मिले थे, जो 2019 के चुनाव में डेढ़ करोड़ पहुंच गए। शिवसेना को 2014 के चुनाव जहां एक करोड़ मत मिले थे, वहीं 2019 के चुनाव में यह बढ़कर एक करोड़ 25 लाख तक पहुंच गए हैं। वहीं अगर कांग्रेस पार्टी की बात करें तो 2014 के चुनाव में उसे 88 लाख 30 हजार वोट मिले थे जो 2019 के चुनाव में 33 हजार घटकर 88 लाख पहुंच गए हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और शिवसेना की हुई युति में शिवसेना को बड़ा फायदा हुआ है। जानकारों की मानें तो अगर भाजपा और शिवसेना के बीच युति नहीं होती तो शिवसेना को घाटा हो सकता था। चुनाव के दौरान भाजपा द्वारा चलाये गए मतदान फीसदी बढ़ाने के अभियान से शिवसेना एक करोड़ से एक करोड़ 25 लाख पहुंच गई है। शिवसेना की प्रवक्ता नीलम गोरे ने दावा किया हैं कि 2014 के मुकाबले 2019 के चुनाव में शिवसेना के मत फीसदी में बढ़ोतरी हुई है, जिसको लेकर उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राकांपा के मतों में आई गिरावट का फायदा शिवसेना को मिला है। प्रवक्ता नीलम गोरे ने कहा कि राज्य के 48 लोकसभा सीटों पर भाजपा और शिवसेना को लगभग 50 फीसदी से ज्यादा और कांग्रेस एवं राकांपा को 31 फीसदी मत मिले हैं, जो 2014 के लोकसभा चुनाव में युति को 48 और आघाड़ी की 34 फीसदी मत मिले थे।
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