मुंबई
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की सभी छह सीटों पर भाजपा-शिवसेना महायुति ने जीत दर्ज कर अपना दबदबा कायम रखा है। यदि विधानसभा अनुसार मिले वोटों पर नजर डालें तो महायुति ने मुंबई की 36 में से 31 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त बनाई है, जबकि कांग्रेस-राकांपा की महाआघाड़ी मात्र पांच विधानसभा क्षेत्रों में आगे रहने में कामयाब रही है। महायुति उम्मीदवारों को उन विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त मिली हैं, जहां का प्रतिनिधित्व कांग्रेस विधायक कर रहे हैं। मुंबई में आमतौर पर देखने को मिला है कि लोकसभा चुनाव में जिस पार्टी या गठबंधन को जीत हासिल होती है, उसी पार्टी या गठबंधन को विधानसभा चुनाव में सफलता मिलती है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में महायुति ने मुंबई की सभी सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन विधानसभा चुनाव भाजपा औेर शिवसेना ने अलग-अलग लड़ा। इसके बावजूद मुंबई में भाजपा 15 और शिवसेना 14 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही। महानगर में कांग्रेस के पांच विधायक चुनकर आए, जबकि सपा और एमआईएम के एक विधायक ने जीत हासिल की थी। लोकसभा चुनाव के बाद अब विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव के नतीजों को देखकर लगता है कि महाआघाड़ी की राह आसान नहीं होगी। मुंबई की छह में से चार लोकसभा सीटों के पांच विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस को अधिक वोट मिले हैं। दक्षिण मुंबई लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाले मुंबादेवी और भायखला में महाआघाड़ी वोट में आगे रही। इन दोनों क्षेत्रों में विपक्ष के विधायक हैं। इसी तरह धारावी और मानखुर्दशिवाजीन गर में भी महाआघाड़ी प्रत्याशियों के अच्छे खासे वोट बटोरने में कामयाब रहे। बांद्रा पूर्व विधानसभा क्षेत्र में प्रिया दत्त 1276 वोटों से बढ़त बनाने में कामयाब रहीं, जबकि यह शिवसेना विधायक तृप्ति सावंत का क्षेत्र है। इसी तरह चांदीवली और मालाड पूर्व में भाजपा आगे रही। इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कांग्रेसी विधायक करते हैं। वडाला में भी महायुति उम्मीदवार राहुल शेवाले को अधिक मत मिले, जबकि यह सीट कांग्रेस के पास है।
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की सभी छह सीटों पर भाजपा-शिवसेना महायुति ने जीत दर्ज कर अपना दबदबा कायम रखा है। यदि विधानसभा अनुसार मिले वोटों पर नजर डालें तो महायुति ने मुंबई की 36 में से 31 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त बनाई है, जबकि कांग्रेस-राकांपा की महाआघाड़ी मात्र पांच विधानसभा क्षेत्रों में आगे रहने में कामयाब रही है। महायुति उम्मीदवारों को उन विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त मिली हैं, जहां का प्रतिनिधित्व कांग्रेस विधायक कर रहे हैं। मुंबई में आमतौर पर देखने को मिला है कि लोकसभा चुनाव में जिस पार्टी या गठबंधन को जीत हासिल होती है, उसी पार्टी या गठबंधन को विधानसभा चुनाव में सफलता मिलती है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में महायुति ने मुंबई की सभी सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन विधानसभा चुनाव भाजपा औेर शिवसेना ने अलग-अलग लड़ा। इसके बावजूद मुंबई में भाजपा 15 और शिवसेना 14 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही। महानगर में कांग्रेस के पांच विधायक चुनकर आए, जबकि सपा और एमआईएम के एक विधायक ने जीत हासिल की थी। लोकसभा चुनाव के बाद अब विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव के नतीजों को देखकर लगता है कि महाआघाड़ी की राह आसान नहीं होगी। मुंबई की छह में से चार लोकसभा सीटों के पांच विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस को अधिक वोट मिले हैं। दक्षिण मुंबई लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाले मुंबादेवी और भायखला में महाआघाड़ी वोट में आगे रही। इन दोनों क्षेत्रों में विपक्ष के विधायक हैं। इसी तरह धारावी और मानखुर्दशिवाजीन गर में भी महाआघाड़ी प्रत्याशियों के अच्छे खासे वोट बटोरने में कामयाब रहे। बांद्रा पूर्व विधानसभा क्षेत्र में प्रिया दत्त 1276 वोटों से बढ़त बनाने में कामयाब रहीं, जबकि यह शिवसेना विधायक तृप्ति सावंत का क्षेत्र है। इसी तरह चांदीवली और मालाड पूर्व में भाजपा आगे रही। इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कांग्रेसी विधायक करते हैं। वडाला में भी महायुति उम्मीदवार राहुल शेवाले को अधिक मत मिले, जबकि यह सीट कांग्रेस के पास है।
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