मुंबई
डॉक्टर पायल तड़वी आत्महत्या कांड में मुंबई की स्पेशल कोर्ट ने तीनों आरोपी डॉक्टरों की जमानत याचिका खारिज कर दी। स्पेशल कोर्ट ने सोमवार को तीनों आरोपी डॉक्टरों को 21 जून तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 21 जून को होगी। दरअसल, आरोपी तीनों महिला डॉक्टर्स ने कोर्ट में अपनी जमानत के लिए एक याचिका दाखिल की थी, जिस पर 10 जून यानी सोमवार को सुनवाई हुई। डॉक्टर पायल को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप उन्हीं के साथ काम करने वाली तीन महिला डॉक्टर हेमा आहूजा, भक्ति मेहरे और अंकिता खंडेलवाल पर लगा है। तीनों को पुलिस ने गिरक्तार कर डॉ. पायल तड़वी को खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोप में कोर्ट में पेश किया था। चार जून को मुंबई की स्पेशल कोर्ट ने आरोपी तीनों डॉक्टरों को 10 जून तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा था। पुलिस ने इस मामले में डॉक्टर मेहरे, डॉ आहुजा और खंडेलवाल को गिरक्तार किया गया था।
इसके बाद इन सभी के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) कानून, रैगिंग रोधी कानून, सूचना प्रौद्योगिकी कानून और भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (आत्महत्या के लिये उकसाने) के तहत मामला दर्ज किया है। बता दें कि आरोपी डॉक्टर भक्ति मेहरे, डॉक्टर हेमा आहूजा और डॉक्टर अंकिता खंडेलवाल ने जूनियर डॉक्टर पायल तड़वी को अनूसूचित जनजाति से होने की वजह से ताने मारे थे। इसके बाद 22 मई को वे अपने हॉस्टल के कमरे में मृत पाईं गई थी। प्रथम दृष्टया माना जा रहा है कि पायल ने आत्महत्या की है, लेकिन पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में उनके गले पर चोट के निशान भी पाए गए थे।
डॉक्टर पायल तड़वी आत्महत्या कांड में मुंबई की स्पेशल कोर्ट ने तीनों आरोपी डॉक्टरों की जमानत याचिका खारिज कर दी। स्पेशल कोर्ट ने सोमवार को तीनों आरोपी डॉक्टरों को 21 जून तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 21 जून को होगी। दरअसल, आरोपी तीनों महिला डॉक्टर्स ने कोर्ट में अपनी जमानत के लिए एक याचिका दाखिल की थी, जिस पर 10 जून यानी सोमवार को सुनवाई हुई। डॉक्टर पायल को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप उन्हीं के साथ काम करने वाली तीन महिला डॉक्टर हेमा आहूजा, भक्ति मेहरे और अंकिता खंडेलवाल पर लगा है। तीनों को पुलिस ने गिरक्तार कर डॉ. पायल तड़वी को खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोप में कोर्ट में पेश किया था। चार जून को मुंबई की स्पेशल कोर्ट ने आरोपी तीनों डॉक्टरों को 10 जून तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा था। पुलिस ने इस मामले में डॉक्टर मेहरे, डॉ आहुजा और खंडेलवाल को गिरक्तार किया गया था।
इसके बाद इन सभी के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) कानून, रैगिंग रोधी कानून, सूचना प्रौद्योगिकी कानून और भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (आत्महत्या के लिये उकसाने) के तहत मामला दर्ज किया है। बता दें कि आरोपी डॉक्टर भक्ति मेहरे, डॉक्टर हेमा आहूजा और डॉक्टर अंकिता खंडेलवाल ने जूनियर डॉक्टर पायल तड़वी को अनूसूचित जनजाति से होने की वजह से ताने मारे थे। इसके बाद 22 मई को वे अपने हॉस्टल के कमरे में मृत पाईं गई थी। प्रथम दृष्टया माना जा रहा है कि पायल ने आत्महत्या की है, लेकिन पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में उनके गले पर चोट के निशान भी पाए गए थे।
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