मुंबई
अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुसार मुंबई महानगर पालिका द्वारा लोगों को 135 लीटर प्रति व्यक्ति के अनुसार पानी सप्लाई किया जाता था। मनपा ने अब लोगों को उपल ध कराए जा रहे पानी में कटौती करने का निर्णय लिया है। मनपा ने अब लोगों को 90 लीटर प्रति व्यक्ति के अनुसार पानी देने का निर्णय लिया है। मनपा ने यह निर्णय सोसायटियों द्वारा उनके परिसर में पानी पर प्रक्रिया करने के लिए लिया है। मनपा के इस निर्णय का स्थाई समिति में भारी विरोध किया गया। उल्लेखनीय है कि मनपा प्रशासन द्वारा 20 हजार वर्ग फीट से बड़ी सोसायटियों में अब आगे मात्र 90 लीटर प्रति व्यक्ति के रूप में ही पानी की सप्लाई की जाएगी। मनपा ने इस तरह का निर्णय सोसायटियों पर यह नियम लादते हुए किया कि अब मुंबई में बनने वाली 200 वर्ग मीटर से अधिक की इमारतों में बनने वाली सोसायटियों को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाना अनिवार्य किया गया है। मनपा प्रशासन ने निर्णय लिया है कि बड़ी सोसायटियों को मात्र 90 लीटर प्रति व्यक्ति के अनुसार पानी दिया जाएगा। मनपा का कहना है कि पानी का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग होता है। मुंबई में सप्लाई होने वाला कुल पानी का मात्र सात प्रतिशत पानी ही पीने के उपयोग में आता है बाकी पानी अन्य कामों के लिए उपयोग किया जाता है। उसके लिए ट्रीट किया हुआ पानी का ही उपयोग अधिक हो, इसके लिए इस तरह का नियम लागू किया जा रहा है। मनपा स्थाई समिति में संजय घाड़ी ने मनपा के निर्णय का यह कह कर विरोध किया कि मनपा द्वारा 90 लीटर प्रति व्यक्ति पानी देने का सर्कुलर निकाला गया है उसमें कहीं ऐसा उल्लेख नहीं है कि 20 हजार वर्ग फीट से बड़ी सोसायटियों पर लागू होगा। मनपा प्रशासन ने 90 लीटर प्रति व्यक्ति पानी देने का निर्णय 2034 के विकास प्रारूप में लागू किया है। मनपा अतिरिक्त आयुक्त प्रवीण दराडे ने पानी कटौती के आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह सिर्फ 20 हजार वर्ग फीट से बड़ी सोसायटियों पर लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पानी का सदुपयोग करने और पानी की बचत करने के लिए कुछ कठोर नियम बनाना जरूरी हो गया है, इसके लिए यह कदम उठाया जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुसार मुंबई महानगर पालिका द्वारा लोगों को 135 लीटर प्रति व्यक्ति के अनुसार पानी सप्लाई किया जाता था। मनपा ने अब लोगों को उपल ध कराए जा रहे पानी में कटौती करने का निर्णय लिया है। मनपा ने अब लोगों को 90 लीटर प्रति व्यक्ति के अनुसार पानी देने का निर्णय लिया है। मनपा ने यह निर्णय सोसायटियों द्वारा उनके परिसर में पानी पर प्रक्रिया करने के लिए लिया है। मनपा के इस निर्णय का स्थाई समिति में भारी विरोध किया गया। उल्लेखनीय है कि मनपा प्रशासन द्वारा 20 हजार वर्ग फीट से बड़ी सोसायटियों में अब आगे मात्र 90 लीटर प्रति व्यक्ति के रूप में ही पानी की सप्लाई की जाएगी। मनपा ने इस तरह का निर्णय सोसायटियों पर यह नियम लादते हुए किया कि अब मुंबई में बनने वाली 200 वर्ग मीटर से अधिक की इमारतों में बनने वाली सोसायटियों को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाना अनिवार्य किया गया है। मनपा प्रशासन ने निर्णय लिया है कि बड़ी सोसायटियों को मात्र 90 लीटर प्रति व्यक्ति के अनुसार पानी दिया जाएगा। मनपा का कहना है कि पानी का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग होता है। मुंबई में सप्लाई होने वाला कुल पानी का मात्र सात प्रतिशत पानी ही पीने के उपयोग में आता है बाकी पानी अन्य कामों के लिए उपयोग किया जाता है। उसके लिए ट्रीट किया हुआ पानी का ही उपयोग अधिक हो, इसके लिए इस तरह का नियम लागू किया जा रहा है। मनपा स्थाई समिति में संजय घाड़ी ने मनपा के निर्णय का यह कह कर विरोध किया कि मनपा द्वारा 90 लीटर प्रति व्यक्ति पानी देने का सर्कुलर निकाला गया है उसमें कहीं ऐसा उल्लेख नहीं है कि 20 हजार वर्ग फीट से बड़ी सोसायटियों पर लागू होगा। मनपा प्रशासन ने 90 लीटर प्रति व्यक्ति पानी देने का निर्णय 2034 के विकास प्रारूप में लागू किया है। मनपा अतिरिक्त आयुक्त प्रवीण दराडे ने पानी कटौती के आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह सिर्फ 20 हजार वर्ग फीट से बड़ी सोसायटियों पर लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पानी का सदुपयोग करने और पानी की बचत करने के लिए कुछ कठोर नियम बनाना जरूरी हो गया है, इसके लिए यह कदम उठाया जा रहा है।
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