नई दिल्ली
दिल्ली विधानसभा चुनाव भाजपा उत्तर पूर्वी दिल्ली से सांसद और प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी के नेतृत्व में लड़ेगी। यह एलान केंद्रीय शहरी विकास मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने किया है। शहरी केंद्र प्रमुख सम्मेलन में हरदीप पुरी ने कहा कि भाजपा विधानसभा चुनाव प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी के नेतृत्व में लड़ेगी। जिस समय हरदीप सिंह पुरी यह एलान कर रहे थे, उस समय मंच पर मनोज तिवारी और राष्ट्रीय महामंत्री अनिल जैन भी मौजूद थे। इनके अलावा पार्टी के अन्य नेता भी मौजूद थे।
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा की ओर से शास्त्री पार्क स्थित सिद्ध श्रीश्याम गिरी मंदिर प्रांगण में शहरी केंद्रों के अध्यक्षों का सम्मेलन आयोजित किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मुझे दुख होता है कि 2015 से 17 तक कई कोशिशों और मीटिंग के बावजूद दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार अनधिकृत कॉलोनियों को पास करना तो दूर उनके नक्शे भी तैयार नहीं करा पाई।
उन्होंने कहा कि दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों और दुखी बस्तियों में रहने वाले 40 लाख से अधिक लोगों का भविष्य अधर में लटका रहा। तीन महीने में इस प्रक्रिया को हम पूरा कर लेंगे, अब हर कॉलोनी में पक्की रजिस्ट्री और हर मकान के मालिक को मालिकाना हक होगा।
गायक, भोजपुरी अभिनेता और उत्तर पूर्वी दिल्ली से भाजपा सांसद मनोज तिवारी दिल्ली में रह रहे यूपी और बिहार के मतदाताओं में काफी लोकप्रिय हैं। पूर्वांचल के मतदाता यहां पर काफी संख्या में रहते हैं। ऐसे में भाजपा को इसका लाभ मिल सकता है। मई 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय सीट से बड़ी जीत दर्ज की थी। उन्होंने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत शीला दीक्षित को भारी मतों से हराया था। मनोज तिवारी को कुल 787799 वोट मिले थे, जबकि शीला दीक्षित को 421697 मत मिले थे। वहीं आम आदमी पार्टी के नेता दिलीप पांडेय 190856 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे।
इससे पहले साल 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ी थी। भाजपा संसदीय दल बोर्ड ने किरण बेदी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में संसदीय बोर्ड की मीटिंग में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने इसकी घोषणा की थी। किरण बेदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ने से भाजपा को कोई लाभ नहीं मिला था। पार्टी को 70 में से सिर्फ 3 सीटों पर संतोष करना पड़ा था। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी ने धमाकेदार जीत दर्ज करते हुए 67 सीटें जीतने में कामयाब हुई थी।
दिल्ली विधानसभा चुनाव भाजपा उत्तर पूर्वी दिल्ली से सांसद और प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी के नेतृत्व में लड़ेगी। यह एलान केंद्रीय शहरी विकास मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने किया है। शहरी केंद्र प्रमुख सम्मेलन में हरदीप पुरी ने कहा कि भाजपा विधानसभा चुनाव प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी के नेतृत्व में लड़ेगी। जिस समय हरदीप सिंह पुरी यह एलान कर रहे थे, उस समय मंच पर मनोज तिवारी और राष्ट्रीय महामंत्री अनिल जैन भी मौजूद थे। इनके अलावा पार्टी के अन्य नेता भी मौजूद थे।
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा की ओर से शास्त्री पार्क स्थित सिद्ध श्रीश्याम गिरी मंदिर प्रांगण में शहरी केंद्रों के अध्यक्षों का सम्मेलन आयोजित किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मुझे दुख होता है कि 2015 से 17 तक कई कोशिशों और मीटिंग के बावजूद दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार अनधिकृत कॉलोनियों को पास करना तो दूर उनके नक्शे भी तैयार नहीं करा पाई।
उन्होंने कहा कि दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों और दुखी बस्तियों में रहने वाले 40 लाख से अधिक लोगों का भविष्य अधर में लटका रहा। तीन महीने में इस प्रक्रिया को हम पूरा कर लेंगे, अब हर कॉलोनी में पक्की रजिस्ट्री और हर मकान के मालिक को मालिकाना हक होगा।
गायक, भोजपुरी अभिनेता और उत्तर पूर्वी दिल्ली से भाजपा सांसद मनोज तिवारी दिल्ली में रह रहे यूपी और बिहार के मतदाताओं में काफी लोकप्रिय हैं। पूर्वांचल के मतदाता यहां पर काफी संख्या में रहते हैं। ऐसे में भाजपा को इसका लाभ मिल सकता है। मई 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय सीट से बड़ी जीत दर्ज की थी। उन्होंने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत शीला दीक्षित को भारी मतों से हराया था। मनोज तिवारी को कुल 787799 वोट मिले थे, जबकि शीला दीक्षित को 421697 मत मिले थे। वहीं आम आदमी पार्टी के नेता दिलीप पांडेय 190856 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे।
इससे पहले साल 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ी थी। भाजपा संसदीय दल बोर्ड ने किरण बेदी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में संसदीय बोर्ड की मीटिंग में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने इसकी घोषणा की थी। किरण बेदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ने से भाजपा को कोई लाभ नहीं मिला था। पार्टी को 70 में से सिर्फ 3 सीटों पर संतोष करना पड़ा था। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी ने धमाकेदार जीत दर्ज करते हुए 67 सीटें जीतने में कामयाब हुई थी।
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