नई दिल्ली
केंद्र सरकार ने बुधवार को बताया कि सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र 60 से 58 साल नहीं की जाएगी। यह बात कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक सवाल के जवाब में लोकसभा में कही। उन्होंने कहा कि केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम और 1972 का अधिनियम 56 (जे) सरकार को समय- समय पर कर्मचारियों के काम की समीक्षा का अधिकार देते हैं। इसके तहत अगर कोई कर्मचारी अक्षम पाया जाता है या उसका आचरण भ्रष्ट होता है, तो उसे समय से पहले सेवानिवृत्त किया जा सकता है। इसके लिए तीन महीने का नोटिस दिया जाता है या इसके एवज में उतने महीने की तनख्वाह और भत्ते दिए जाते हैं।
ग्रुप-ए और ग्रुप-बी के कर्मचारी इसके दायरे में आते हैं
केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि ये प्रावधान ग्रुप-ए और बी के सरकारी कर्मचारियों पर लागू होते हैं। इसके दायरे में अर्धशासकीय संस्था में काम करने वाले वह कर्मचारी भी आएंगे, जो 35 साल की उम्र पूरी करने से पहले सेवा में आए हों और उनकी उम्र 50 साल से ज्यादा हो गई हो।
अब तक 85 अधिकारियों को जबर्दस्ती रिटायर किया गया
केंद्र ने सरकारी अफसरों के भ्रष्टाचार के मामलों पर कड़ा रुख अपनाया है। मंगलवार को वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने यह बताया था कि सरकार ने 21 भ्रष्ट टैक्स अधिकारियों को जबर्दस्ती रिटायर कर दिया गया। उन अधिकारियों पर गलत ढंग से पैसा कमाने और संपत्ति अर्जित करने के आरोप थे। इनमें से कुछ के खिलाफ सीबीआई जांच भी चल रही थी। अधिकारियों को हटाने की कार्रवाई जून में शुरू की गई थी। अब तक 85 टैक्स अधिकारियों को जबरन रिटायर किया जा चुका है, जिनमें 64 वरिष्ठ अफसर शामिल हैं।
केंद्र सरकार ने बुधवार को बताया कि सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र 60 से 58 साल नहीं की जाएगी। यह बात कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक सवाल के जवाब में लोकसभा में कही। उन्होंने कहा कि केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम और 1972 का अधिनियम 56 (जे) सरकार को समय- समय पर कर्मचारियों के काम की समीक्षा का अधिकार देते हैं। इसके तहत अगर कोई कर्मचारी अक्षम पाया जाता है या उसका आचरण भ्रष्ट होता है, तो उसे समय से पहले सेवानिवृत्त किया जा सकता है। इसके लिए तीन महीने का नोटिस दिया जाता है या इसके एवज में उतने महीने की तनख्वाह और भत्ते दिए जाते हैं।
ग्रुप-ए और ग्रुप-बी के कर्मचारी इसके दायरे में आते हैं
केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि ये प्रावधान ग्रुप-ए और बी के सरकारी कर्मचारियों पर लागू होते हैं। इसके दायरे में अर्धशासकीय संस्था में काम करने वाले वह कर्मचारी भी आएंगे, जो 35 साल की उम्र पूरी करने से पहले सेवा में आए हों और उनकी उम्र 50 साल से ज्यादा हो गई हो।
अब तक 85 अधिकारियों को जबर्दस्ती रिटायर किया गया
केंद्र ने सरकारी अफसरों के भ्रष्टाचार के मामलों पर कड़ा रुख अपनाया है। मंगलवार को वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने यह बताया था कि सरकार ने 21 भ्रष्ट टैक्स अधिकारियों को जबर्दस्ती रिटायर कर दिया गया। उन अधिकारियों पर गलत ढंग से पैसा कमाने और संपत्ति अर्जित करने के आरोप थे। इनमें से कुछ के खिलाफ सीबीआई जांच भी चल रही थी। अधिकारियों को हटाने की कार्रवाई जून में शुरू की गई थी। अब तक 85 टैक्स अधिकारियों को जबरन रिटायर किया जा चुका है, जिनमें 64 वरिष्ठ अफसर शामिल हैं।
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