केंद्र सरकार घोटालेबाजों पर सख्ती बरतने के मूड में है। घोटाला करके सरकारी अधिकारी और कॉरपोरेट घराने के लोग विदेश न भाग सके, इससे बचने के लिए सरकार इकोनॉमिक अफेंडर्स का एक ई-डेटाबेस बनाएगा, जिसे 'नेशनल इकोनॉमिक अफेंस रिकॉर्ड' (एनईओआर) के नाम से जाना जाएगा। नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) इस पोर्टल के लिए सेंट्रल इकोनॉमिक इंटेलीजेंस यूरो (सीईआईबी) के साथ मिलकर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर बना रहा है। एक खबर के मुताबिक यह एक तरह का ई-पोर्टल होगा, जिस पर कॉर्पोरेट घरानों के साथ सरकारी अधिकारियों की सारी डिटेल मौजूद रहेगी। साथ ही हर एक स्तर के जांच अधिकारियों को सारी डिटेल भी इस पोर्टल के जरिए हासिल की जा सकेगी। इससे जांच एजेंसियों को भ्रष्ट अधिकारियों और कॉर्पोरेट घराने के लोगों को विदेश भागने से रोकने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने में मदद मिलेगी। एनईओआर अगले एक साल में बनकर तैयार हो जाएगा। इसे वित्त मंत्रालय की एक शाखा सेंट्रल इकोनॉमिक इंटेलीजेंस यूरो (सीईआईबी) बना रही है। सीबीआई, कस्टम इंफोर्समेंट डाइरेक्ट्रेट, इनकम टैक्स, डाइरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस, डाइरेक्ट्रेट जनरल ऑफ गुड्स एंड सर्विस टैक्स इंटेलीजेंस सहित सभी जांच एजेंसियों को इस पोर्टल पर रोजाना तौर पर अपडेट देना होगा। केंद्रीय जांच एजेंसियों के अलावा वित्तीय मामलों की जांच करने वाली राज्य की पुलिस और अन्य एजेंसियों की रोजाना तौर पर अपने इंटेलीजेंस इनपुट और अन्य रिपोर्ट्स को एनईओआर पोर्टल पर दर्ज करना अनिवार्य होगा।
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