ठाणे
जहां कोरोना वायरस के कारण पूरा विश्व थम सा गया है और आॢथक मंदी की स्थिति पैदा हो गई है। वहीं कोरोना संकट के कारण एसटी महामंडल के कर्मचारियों का वेतन भुगतान समय पर नहीं हो पा रहा है। महामंडल का कहना है कि कोरोना के काण एसटी को भारी घाटा हुआ है। उसके पास निधि ही नहीं उपलब्ध हैं। कोरोना के कारण एसटी बसें खाली आ और जा रही हैं। कहा जा रहा है कि आगे एसटी महामंडल पर गहरा आॢथक संकट आने वाला है।
बताया जा रहा है कि 12वीं की परीक्षा शुरू होने के बाद भी एसटी प्रवासियों की गिरावट नहीं आई थी, लेकिन कोरोना वायरस के कारण एसटी पर बुरा असर पड़ा है। विभागीय जानकारी के अनुसार एसटी की लंबी दूरी की बसों में सात से आठ लोग ही प्रवास कर रहे हैं। स्थिति ऐसी है मुख्य एसटी स्टैंड पर बसों को रोक कर प्रवासियों का इंतजार किया जाता है। आधा घंटा रूकने के बाद भी प्रवासी नहीं मिल रहे हैं। ठाणे शहर के वंदना एसटी डेपो से पुणे के लिए रोजाना 32 शिवनेरी बसें छूटती हैं। हर आधे घंटे पर पुणे के लिए बसें छूटती थीं। अब दिन भर में 15 से 16 बसें ही छूटती हैं। बसों को एक घंटे इंतजार करने के बाद भी सात से आठ प्रवासी ही मिल पाते हैं, जबकि एशियाड की संक्या भी दस पर आ लटकी है। बताया जाता है कि ठाणे से पुणे मार्ग होकर सोलापूर, इचलकरंजी, कवठे महांकाल, उमरगा आदि ठिकानों के लिए 50 बसें जाती हैं, लेकिन इस समय प्रवासी ही नहीं मिल रहे हैं। परिणाम स्वरूप एसटी को भारी घाटा उठाना पड़ रहा है।
कहा जा रहा है कि कुछ बसों के लिए टिकट पहले ही आरक्षित किया गया था, जिसके कारण लाचारी में बसें चलानी पड़ रही हैं। इससे एसटी को भारी घाटा हो रहा है, जबकि विभागीय जानकारी के अनुसार कहा जा हा है कि एसटी कर्मचारियों के मासिक वेतन में से 50 प्रतिशत रकम रखी जा रही है। इसको लेकर जल्द ही एक परिपत्र जारी किया जाने वाला है। यदि आगे भी एसटी को घाटा होता रहा तो कर्मचारियों के वेतन रोके जाएंगे।
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