मुंबई
कोरोना महामारी से देश की तुलना में राज्य को सर्वाधिक नुकसान हुआ है। राज्य में लगातार कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। पिछले कई दिनों से लगातार रोजाना 14 से 15 हजार नए मरीज मिल रहे हैं। महाराष्ट्र में मरीजों की संख्या सात लाख के पार चली गई है, जो चिंताजनक है। शुक्रवार को पुणे के बाणेर में बने कोविड सेंटर का उद्घाटन राज्य के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने किया। इस दौरान कार्यक्रम में उपस्थित विधानसभा में विरोधी पक्ष नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने यह बात कही।
कोरोना से निपटने में असफल राज्य महाविकास आघाड़ी सरकार पर निशाना साधते हुए फड़नवीस ने कहा कि केंद्र की आईसीएमआर ने संक्रमितों की संख्या को नियंत्रण करने और संक्रमितों की पांच फीसदी दर रखने की बात कही है, लेकिन राज्य में संक्रमितों की दर 19 से 19.5 प्रतिशत के बीच है। उन्होंने कहा कि आंकड़ों के अनुसार देश की तुलना में महाराष्ट्र में 40 फीसदी लोगों की मौत हो रही है। राज्य में लोगों की जांच जिस तरह होना चाहिए, उस तरह नहीं की जा रही है। विरोधी पक्ष नेता ने कहा कि जांच को बढ़ाकर हम स्थिति को नियंत्रण में कर सकते है। जब तक वैक्सीन नहीं बन जाती, तब तक हमें कोरोना को नियंत्रित करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।
कोरोना महामारी से देश की तुलना में राज्य को सर्वाधिक नुकसान हुआ है। राज्य में लगातार कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। पिछले कई दिनों से लगातार रोजाना 14 से 15 हजार नए मरीज मिल रहे हैं। महाराष्ट्र में मरीजों की संख्या सात लाख के पार चली गई है, जो चिंताजनक है। शुक्रवार को पुणे के बाणेर में बने कोविड सेंटर का उद्घाटन राज्य के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने किया। इस दौरान कार्यक्रम में उपस्थित विधानसभा में विरोधी पक्ष नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने यह बात कही।
कोरोना से निपटने में असफल राज्य महाविकास आघाड़ी सरकार पर निशाना साधते हुए फड़नवीस ने कहा कि केंद्र की आईसीएमआर ने संक्रमितों की संख्या को नियंत्रण करने और संक्रमितों की पांच फीसदी दर रखने की बात कही है, लेकिन राज्य में संक्रमितों की दर 19 से 19.5 प्रतिशत के बीच है। उन्होंने कहा कि आंकड़ों के अनुसार देश की तुलना में महाराष्ट्र में 40 फीसदी लोगों की मौत हो रही है। राज्य में लोगों की जांच जिस तरह होना चाहिए, उस तरह नहीं की जा रही है। विरोधी पक्ष नेता ने कहा कि जांच को बढ़ाकर हम स्थिति को नियंत्रण में कर सकते है। जब तक वैक्सीन नहीं बन जाती, तब तक हमें कोरोना को नियंत्रित करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।
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