मुंबई
कोरोना संकट में सांस की तकलीफ मौत का सबसे बड़ा कारण है और ऐसे में अगर मरीजों को ऑक्सीजन ही ना मिले तो इससे आप बदइंतजामी के हालात का अंदाजा लगा सकते हैं। मुंबई-महाराष्ट्र में डीलर, सप्लायर, डॉक्टर और आम ग्राहक ऑक्सीजन की कमी और बढ़ते दाम से परेशान हैं। नासिक में साठ वर्ष से ऊपर के कोविड मरीज की मौत ऑक्सीजन न मिल पाने से हुई। यह आरोप उनके बेटे ने लगाया है। महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाका में ही नहीं, मुंबई शहर में भी ऑक्सीजन की कमी और दाम में बढ़ोतरी की शिकायत मिल रही है।
ऑक्सीजन की कमी के कारण अपने को खो चुके, मुंबई के शाहनवाज़ शेख हैं। इस हादसे के बाद ये गरीब और असमर्थ जरूरतमंद लोगों को फ़्री में करीब डेढ़ हजार ऑक्सीजन सिलेंडर बांट चुके हैं, वे बताते हैं कि अब 90-90 किलोमीटर दूर ऑक्सीजन ढूंढने जाना पड़ता है। वहीं जौहर दीवान भी शहर में जरूरतमंदों तक ऑक्सीजन पहुंचाते हैं, वे बताते हैं हर रोज नय दाम तय हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि पहले 200 के अंदर था, अब साढ़े 350 तक जाता है, हर रोज नया दाम, लोग आकर हाथ जोड़ते हैं, लेकिन है ही नहीं। अपने पुराने पेशेंट के लिए कम पड़ रहा है, तो नया को कहां से दें। महाराष्ट्र में करीब पांच बड़े निर्माता बताए जाते हैं, जो ऑक्सीजन बनाते हैं। वहीं 80 रिफिलर्स के जरिए पूरे राज्य में ऑक्सीजन पहुंचता है, इनके एक डीलर ने बताया कि क़रीब 13 रुपए क्यूबिक मीटर में मिलने वाला ऑक्सीजन 40 से 45 रुपए में मिल रहा है। एसोसियेशन ऑफ मेडिकल कन्सल्टंट के प्रेसिडेंट बिल के जरिए दिखा रहे हैं कि अस्पतालों में इस्तेमाल होने वाला 6,250 रुपए में मिलने वाला ऑक्सीजन ड्यूरा सिलिंडर 9000 में मिल रहा है। मेडिकल कन्सल्टंट एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. दीपक बैद ने बताया कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से अस्पताल नए मरीजों को एडमिट नहीं कर पा रहे हैं। वहीं बढ़ी शिकायतों के बीच महाराष्ट्र सरकार ऑक्सीजन टैंकर बढ़ाने का फ़ैसला किया है। खाद्यान्न व आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने कहा कि फ़ैक्टरियां ऑक्सीजन देने के लिए तैयार हैं, लेकिन टैंकर की कमी के कारण कई जगह कमी देखी गई, अभी इसको देखते हुए हम टैंकर बढ़ा रहे हैं। बहुत जल्द ये कमी दूर होगी।
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