न्ई दिल्ली
ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन और वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली फ्लिपकार्ट द्वारा लगातार सरकार की नीतियों का घोर उल्लंघन करने के मुद्दे पर अपनी लड़ाई जारी रखते हुए, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज इन कंपनियों के मनमाने रवैए एवं एफडीआई मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए कड़ी कार्रवाई की मांग की। 'यह एक अजीब स्थिति है जहां ई-कॉमर्स कम्पनियां नीति और कानून का उल्लंघन कर रहे हैं और उनके खिलाफ अनेक शिकायतें भी की जा रही है, पर अब तक कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है, यही कारण है कि मजबूर हो कर कैट ने देश भर में 20 नवम्बर से 40 दिनों के निर्णायक युद्ध अभियान शुरू करने किया है।'
अमेजन के खिलाफ शिकायत करते हुए, कैट ने गुरुप्रसाद महापात्र, सचिव,आंतरिक व्यापार एवं उद्योग संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) को ज्ञापन भेज कर कैट ने अमेजन और फ्लिपकार्ट दोनों के खिलाफ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 के तहत बने विभिन्न नियमों /विनियमों के उल्लंघनों और अपराधों के लिए को उन्हें दोषी ठहराया है और सख्त कार्रवाई तथा दंड की मांग की।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि ई-कॉमर्स के इन्वेंट्री-आधारित मॉडल के लिए एफडीआई में अनुमति नहीं है, बावजूद इसके ये ई कॉमर्स कम्पनियां परोक्ष रूप से भारतीय कंपनियों को नियंत्रित कर रहे है। इनके द्वारा किए गए प्रमुख उल्लंघनों में से एक अमज़ोन द्वारा फ्यूचर रिटेल लिमिटेड जो एक बहु-ब्रांड रिटेलर कम्पनी है पर नियंत्रण का स्वयं का दावा शामिल है। इसके अलावा अमज़ोन द्वारा मोर रिटेल लिमिटेड जो कि एक मल्टी ब्रांड रिटेलर है उस पर नियंत्रण बनाए हुए है, वॉलमार्ट केे स्वामित्व वाली फ्लिपकार्ट का नियंत्रण आदित्य बिड़ला फैशन एंड रिटेल लिमिटेड पर है, जो एक मल्टी-ब्रांड रिटेल कंपनी है, फ्लिपकार्ट सीधे/अप्रत्यक्ष रूप से विक्रेताओं अथवा उनकी इन्वेंट्री को नियंत्रित कर रहा ह
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