नई दिल्ली
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने बताया कि कोविड-19 महामारी के कारण आईसीसी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के पॉइंट सिस्टम में बदलाव किया जाएगा। बोर्ड ने अनिल कुंबले की अध्यक्षता वाली आईसीसी क्रिकेट समिति की शर्तों को बदलने के लिए एक सिफारिश को मंजूरी दे दी। अब नए तरीके से टीमों के पॉइंट्स की गिनती होगी। बोर्ड ने यह भी बताया कि 2022 में होने वाले महिला टी-20 विश्व कप को भी पोस्टपोन कर दिया है। अब यह टूर्नामेंट 2023 में प्रस्तावित है। आईसीसी के नए नियम से भारत को नुकसान हुआ है। अभी तक भारतीय टीम के चार सीरीज में 360 अंक हैं और टेबल में टीम नम्बर एक थी, लेकिन पॉइंट के प्रतिशत के आधार पर ऑस्ट्रेलिया की टीम आगे चली गई है। आईसीसी के इस नियम से ऑस्ट्रेलिया को फायदा हुआ है। कोविड-19 महामारी के कारण अब तक विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के महज आधे मैच ही खेले गए हैं। अनुमान है कि प्रतियोगिता के अंत तक करीब 85 प्रतिशत मैच हो जाएंगे। बदले हुए नियम के अनुसार प्रतियोगिता के पूरे नहीं होने वाले मैचों को ड्रा मानकर दोनों टीमों को बराबर अंक दे दिए जाएंगे।
क्रिकेट समिति ने उस स्थिति को बनाए रखने या खेले गए मैचों से अंतिम विश्व टेस्ट चैम्पियनशिर लीग स्टैंडिंग का निर्धारण करने पर भी विचार किया। क्रिकेट समिति ने लैटर ऑप्शन की सिफारिश की, जिसे मुख्य कार्यकारी समिति द्वारा मंजूर किया गया और बोर्ड ने अनुमोदित किया। इसका मतलब यह है कि अर्जित किए गए अंकों के प्रतिशत के क्रम में टीमों को टेबल में जगह दी जाएगी।आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनु साहनी ने कहा, 'क्रिकेट समिति और मुख्य कार्यकारी समिति दोनों ने पूर्ण मैचों और अंकों के आधार पर रैंकिंग वाली टीमों के दृष्टिकोण का समर्थन किया, क्योंकि यह उनके प्रदर्शन को दर्शाता है। यह उन टीमों को नुकसान नहीं पहुंचाता जो अपने सभी मैचों को पूरा नहीं कर सकी हैं'। उन्होंने कहा कि 'हमने विकल्पों की एक पूरी श्रृंखला का पता लगाया, लेकिन हमारे सदस्यों ने दृढ़ता से महसूस किया कि हमें अगले साल जून में पहली बार विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल के साथ योजना बनानी चाहिए'।
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