लखनऊ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लोकसभा चुनाव 2019 में वाराणसी से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रहे तेज बहादुर यादव को सुप्रीम कोर्ट से झटका मिला है। शीर्ष कोर्ट ने बीएसएफ से बर्खास्त सिपाही तेज बहादुर की प्रधानमंत्री मोदी के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर मंगलवार फैसला सुना दिया। कोर्ट ने तेज बहादुर की याचिका को खारिज कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे के साथ जस्टिस एएस बोपन्ना व जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम की बेंच ने फैसला सुनाया।
तेज बहादुर यादव की याचिका को खारिज कर दिया। तेज बहादुर यादव को समाजवादी पार्टी ने वाराणसी के लोकसभा चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी से निर्वाचन के खिलाफ बीएसएफ के पूर्व जवान तेज बहादुर की दाखिल अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसला दिया। 17 नवंबर को कोर्ट ने इस याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। तेज बहादुर ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। इलाहाबाद हाई कोर्ट का मानना था कि तेज बहादुर न तो वाराणसी के वोटर हैं और न ही प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ उम्मीदवार थे। इस आधार पर उसका लोकसभा चुनाव में पिटीशन दाखिल करने का कोई औचित्य नहीं बनता।
वाराणसी से पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ सीमा सुरक्षा बल के पूर्व जवान तेज बहादुर की याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में इलाहाबाद हाइ कोर्ट के फैसले पर मुहर लगाते हुए तेजबहादुर की याचिका को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि तेजबहादुर की पीएम नरेंद्र मोदी के निर्वाचन को रद्द करने की मांग की याचिका को पहले ही खारिज किया जा चुका है।
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