फाइव स्टार होटलों में बैठकर नहीं होगा भला
नई दिल्ली
कांग्रेस में अंतर्कलह अब खुलकर सामने आ रही है। बिहार विधानसभा चुनावों के बाद से ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता खुलकर कांग्रेस लीडरशिप पर आवाज उठा रहे हैं। कपिल सिब्बल ने जब खुलकर इसका विरोध किया तो लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जैसे दिग्गज नेताओं ने सिब्बल को आड़े हाथों ले लिया। अब गुलाम नबी आजाद ने पार्टी के काम करने के तौर-तरीकों पर सवाल उठाया है।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हमारे लोगों का ब्लॉक स्तर पर, जिला स्तर पर लोगों के साथ कनेक्शन टूट गया है। जब कोई पदाधिकारी हमारी पार्टी में बनता है तो वो लेटर पैड छाप देता है, विजिटिंग कार्ड बना देता है, वो समझता है बस मेरा काम खत्म हो गया, काम तो उस समय से शुरू होना चाहिए। आजाद ने कहा कि फाइव स्टार होटलों में बैठकर भला नहीं होगा , उसके लिए हमें कार्यकर्ताओं के साथ खड़े रहना होगा।
कपिल सिब्बल की नाराजगी
इससे पहले कपिल सिब्बल ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा, 'दिक्कत ये है कि राहुल गांधी डेढ़ साल पहले यह बात साफ कर चुके हैं कि वे अब कांग्रेस का अध्यक्ष नहीं बनना चाहते। उन्होंने यह भी कहा था कि मैं नहीं चाहता कि गांधी परिवार का कोई भी व्यक्ति उस पद पर काबिज हो। इस बात के डेढ़ साल बीत जाने के बाद मैं ये पूछता हूं कि कोई राष्ट्रीय पार्टी इतने लंबे समय तक अपने अध्यक्ष के बिना कैसे काम कर सकती है।' सिब्बल ने कहा कि मैंने पार्टी के भीतर आवाज उठाई थी। हमने अगस्त में चिठ्ठी भी लिखी। लेकिन किसी ने हमसे बात नहीं की।
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