करीब ढाई दशक से हिंदी सिनेमा और टीवी की दुनिया में सक्रिय रोहित रॉय हाल ही में डिजिटल प्लेटफॉर्म उल्लू पर रिलीज हुई वेब सीरीज पेपर में नजर आए। 20वीं सदी के नौवें दशक में हुए स्टांप पेपर घोटाले पर आधारित इस वेब सीरीज में अब्दुल के किरदार में रोहित पहली बार हैदराबादी लुक में नजर आए। अपने किरदार की तैयारियों के बारे में वह बताते हैं, 'साल 2007 में एंथोलॉजी फिल्म 'दस कहानियां' के राइस प्लेट वाले भाग में शबाना आजमी को निर्देशित करते हुए मैंने सीखा कि चप्पल पहनने की शैली भी किरदार के लिए बहुत मायने रखती है। इससे किरदार के खड़े होने और चलने की शैली समेत कई चीजें प्रभावित होती हैं। आमतौर पर किरदार की तैयारी के लिए मैं स्क्रिप्ट को ही 40-50 बार पढ़ लेता हूं, लेकिन हैदराबादी किरदार मेरे लिए बिल्कुल नया था। उसके लिए मैंने हैदराबादी बोली से लेकर, उनके लुंगी और बेल्ट पहनने जैसी छोटी-छोटी बातों को सीखा'। रोहित बिताते हैं, 'मेरी मां स्कूल टीचर थीं। उन्होंने बचपन से ही हमें सिस्टम में रहकर काम करना सिखाया है। मैंने जीवन में कभी शॉर्टकट लेने की कोशिश नहीं की। ईमानदारी से अपना इनकम टैक्स भरता हूं। हर काम को पूरी ईमानदारी से करने में यकीन रखता हूं'।
कभी शॉर्टकट लेने की कोशिश नहीं की: रोहित रॉय
करीब ढाई दशक से हिंदी सिनेमा और टीवी की दुनिया में सक्रिय रोहित रॉय हाल ही में डिजिटल प्लेटफॉर्म उल्लू पर रिलीज हुई वेब सीरीज पेपर में नजर आए। 20वीं सदी के नौवें दशक में हुए स्टांप पेपर घोटाले पर आधारित इस वेब सीरीज में अब्दुल के किरदार में रोहित पहली बार हैदराबादी लुक में नजर आए। अपने किरदार की तैयारियों के बारे में वह बताते हैं, 'साल 2007 में एंथोलॉजी फिल्म 'दस कहानियां' के राइस प्लेट वाले भाग में शबाना आजमी को निर्देशित करते हुए मैंने सीखा कि चप्पल पहनने की शैली भी किरदार के लिए बहुत मायने रखती है। इससे किरदार के खड़े होने और चलने की शैली समेत कई चीजें प्रभावित होती हैं। आमतौर पर किरदार की तैयारी के लिए मैं स्क्रिप्ट को ही 40-50 बार पढ़ लेता हूं, लेकिन हैदराबादी किरदार मेरे लिए बिल्कुल नया था। उसके लिए मैंने हैदराबादी बोली से लेकर, उनके लुंगी और बेल्ट पहनने जैसी छोटी-छोटी बातों को सीखा'। रोहित बिताते हैं, 'मेरी मां स्कूल टीचर थीं। उन्होंने बचपन से ही हमें सिस्टम में रहकर काम करना सिखाया है। मैंने जीवन में कभी शॉर्टकट लेने की कोशिश नहीं की। ईमानदारी से अपना इनकम टैक्स भरता हूं। हर काम को पूरी ईमानदारी से करने में यकीन रखता हूं'।
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