बीजिंग
भारत का पड़ोसी देश चीन पिछले कई महीनों से बॉर्डर पर तनाव को कम करने की बात कह रहा है, लेकिन सीमा पर वह जो हरकतें कर रहा है, उससे उसपर भरोसा करना आसान नहीं है। दरअसल, चीन 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर रडार लगा रहा है। इसके अलावा, अपने पुराने रडार को ड्रैगन अपग्रेड भी कर रहा है। मालूम हो कि भारत-चीन के बीच अप्रैल महीने से एलएसी पर सीमा विवाद जारी है, जिसकी वजह से दोनों देशों में तनाव का माहौल भी है। तनाव को कम करने के लिए भारत और चीन की लगातार बैठकें हो रही हैं। दोनों देश सैन्य और राजनयिक तरीकों से तनाव को दूर करने और विवाद को हल करने पर ध्यान दे रहे हैं। अभी तक दोनों देशों के बीच एलएसी पर कोर कमांडर स्तर की आठ बार बैठकें हो चुकी हैं। इन बैठकों में दोनों देशों के बीच डिस-एंगेजमेंट प्रक्रिया को लेकर बातचीत हुई है। वहीं, जल्द ही नौवें दौर की भी बैठक होने वाली है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चीन सीमा पर बहुत तेजी से इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने पर जोर दे रहा है। इसके साथ ही, ड्रैगन ने लद्दाख से सिक्किम की सीमा पर रडार भी लगाने शुरू कर दिए हैं। पहले से लगे कई रडारों को पड़ोसी देश अपग्रेड करके बेहतर बनाने में लगा हुआ है।
रिपोर्ट में टॉप सूत्रों के हवाले से बताया येचेंग में मध्यम आकार की इमारत और एक वॉच टावर लगाया गया है। इंस्टॉल किए जा रहे रडार की संख्या भी तीन से बढ़कर चार हो गई है, जिसमें एक जेवाई-9 रडार, एक जेवाई-26 रडार, एक एचजीआर-105 रडार और एक जेएलसी-88 बी रडार शामिल है। पाली और फारी क्यारांग ला जोकि सिक्किम के सामने है, वहां पर रडार क्यारांग ला के पश्चिम में दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसमें चार रडार लगाए गए हैं।
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