पटना
विधानसभा चुनाव में कम अंतर से जीते विधायकों की परेशानियों में इजाफा होने वाला है। पराजित प्रतिद्वंद्वियों ने पटना हाईकोर्ट में दस्तक दी है। केस फाइल हो गया है। मुख्य न्यायाधीश के सामने प्रस्तुति और लिस्टिंग भी हो चुकी है। चार जनवरी को अदालत खुलने के बाद सुनवाई की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
चुनाव आयोग के फैसले पर उठाए सवाल
मुकदमा दर्ज कराने वालों में सबसे ज्यादा आठ राजद और छह कांग्रेस के प्रत्याशी हैं। पांच निर्दलीयों को भी प्रतिद्वंद्वियों की जीत पर आपत्ति है। सत्ता पक्ष के भी पांच प्रत्याशियों ने चुनाव आयोग के फैसले पर सवाल उठाए हैं। इनमें तीन जदयू और दो भाजपा के हैं। माकपा और बसपा के भी एक-एक प्रत्याशी हैं। दो ने सीधे चुनाव आयोग को ही पार्टी बनाया है। एक मामला विधान परिषद का है। कांग्रेस प्रत्याशी का आरोप है कि रिटर्निंग अफसरों ने पक्षपात करके जीतने के बाद भी हारा हुआ घोषित कर दिया है।
इन दलों के प्रत्याशी हैं निशाने पर
जिन विधायकों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, उनमें सबसे ज्यादा नौ जदयू के हैं, भाजपा के छह हैं। राजद के सात, कांग्रेस, माले, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और लोजपा के एक-एक विधायक के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज हुआ है।
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