ठाणे
ठाणे पुलिस की वागले अपराध प्रकोष्ठ यूनिट ने नकली नोटों को बाजार में चलाने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। यूनिट ने तीनों के पास से 84 लाख 48 हजार के दो हजार वाले नकली नोटों के कई बंडलों को बरामद किया है। सभी को 14 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। अपराध प्रकोष्ठ के उपायुक्त लक्ष्मीकांत पाटिल ने बताया कि वागले युनिट के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक विकास घोडके को गुप्त जानकारी मिली थी कि कापुरबावड़ी सर्कल के निकट स्थित बस स्टॉप के सामने सड़क पर एक व्यक्ति दो हजार के नकली नोट को बाजार में चलाने के लिए आने वाला है। इस सूचना के आधार पर सहायक पुलिस निरीक्षक प्रशांत पवार और देविदास आदि की टीम ने कापुरबावड़ी सर्कल परिसर में जाल बिछा दिया। इसी बीच संदिग्ध अवस्था में दिखाई दिए व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया। उससे हुई पूछताछ में पुलिस ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस उपायुक्त पाटिल ने कहा कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान रत्नागिरी निवासी मंसूर खान (45), मुंबई के साकीनाका निवासी चंद्रकांत माने (45) और चिपलून निवासी गंगाराम आगरे (29) के रूप में हुई है। तीनों के पास से पुलिस ने भारतीय चलन के दो हजार रुपए के 84 लाख 48 हजार का नकली नोट बरामद किया है। इसके साथ ही पुलिस ने नोट छापने के लिए इस्तेमाल की गई कंप्यूटर, प्रिंटर, रिक्वस, स्याही, कटर, मोबाईल आदि सामानों को भी जब्त किया है। पुलिस उपायुक्त पाटिल ने कहा कि आरोपी सचिन को कंप्यूटर का अच्छा ज्ञान है। वह दुबई में नौकरी के लिए आवेदन किया था, लेकिन जिस दलाल के जरिए वह दुबई में नौकरी के लिए जाने वाला था, उसने दगा दे दिया था। आर्थिक हालात खराब होने के चलते वह मंसूर खान के जेरॉक्स की दुकान में काम कर रहा था। इसके साथ ही तीसरे आरोपी का कोल्हापुर में सोने-चांदी का दुकान थी, जो लॉकडाऊन में बंद हो गई थी। इसके चलते उसके ऊपर 40 लाख रुपए का कर्ज हो गया था। इस कर्ज को पाटने के लिए तीनों ने दो हजार के नकली नोटों की छपाई शुरू कर दी।
Post a comment