मुंबई
आदेश में कहा गया है कि यदि पेपल के विवाद को स्वीकार कर लिया जाता है, तो मनी लॉन्ड्रिंग विरोधी कानून अनावश्यक साबित हो जाएंगे और इस तरह की अन्य संस्थाओं को तकनीकी रूप से बचने के लिए मौका मिल जाएगा। इससे पीएमएलए के उद्देश्य बुरी तरह से प्रभावित होंगे
पेपल पर भारत के फाइनेंशियल सिस्टम को बिगाड़ने का भी आरोप लगाया गया है अमेरिकी ऑनलाइन पेमेंट गेटवे कंपनी पेपल को FIU ने मनी लॉन्ड्रिंग विरोधी कानून का उल्लंघन करने और संदिग्ध फाइनेंशियल लेनदेन को छुपाने के लिए 96 लाख रुपए की पेनाल्टी लगाई है। साथ ही इस पर भारत के फाइनेंशियल सिस्टम को बिगाड़ने का भी आरोप लगाया गया है।
2017 में काम शुरू किया था
नवंबर 2017 में भारत में अपना काम शुरू करने वाली इस कंपनी ने कहा है कि वह उचित प्रक्रियाओं का पालन करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इस मामले की सावधानीपूर्वक समीक्षा कर रही है। कंपनी पर जनहित के सिद्धांतों और प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के प्रावधानों के साथ छेड़छाड़ करने का भी आरोप लगाया गया है। PMLA का उद्देश्य देश के फाइनेंशियल सिस्टम को आर्थिक अपराधों, आतंकियों की फंडिंग और ब्लैक मनी के लेनदेन से सुरक्षित रखना है।
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