मुंबई
पूर्व मुख्य मंत्री और वि धानसभा में वि पक्ष के नेता देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि केंद्र सरकार के नए कृषि कानून किसानों को व्यापारियों के चंगुल से मुक्त करने वाले हैं। मोदी सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए गए निर्णय लिए हैं, लेकिन सिर्फ राजनीति के लिए केंद्र सरकार को किसान विरोधी बताया जा रहा है।
फड़नवीस पुणे जिले के मांजरी में आयोजित किसान संवाद कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि फिलहाल बाजार समिति व्यवस्था से किसानों का बड़े पैमाने पर शोषण हो रहा है। मोदी सरकार की तरफ से लाए गए नए कृषि कानूनों से किसानों का शोषण रुकेगा, लेकिन राजनीतिक स्वार्थ के लिए किसानों को भ्रमित किया जा रहा है।
महाराष्ट्र में 2006 से लागू है अनुबंध खेती
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में वर्ष 2006 से अनुबंध खेती का कानून लागू है, लेकिन अनुबंध खेती के बारे में अभी तक किसानों की तरफ से कोई शिकायत नहीं मिली है, उस वक्त यह कानून बनाने वाले आज किसान कानूनों का विरोध कर रहे हैं। मोदी सरकार के नए कानून से अनुबंध खेती में किसानों से कोई धोखेबाजी नहीं होगी, इसके लिए आवश्यक सावधानी बरती गई है। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ने मोदी सरकार की तरफ से चलाई जा रही किसानों की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने चीनी का न्यूनतम खरीद मूल्य तय किया। इससे लाखों गन्ना किसानों को फायदा हुआ है। इथेनॉल के उपयोग को प्रोत्साहित करने से चीनी मिलों को निकट भविष्य में गन्ने के बेहतर दाम मिलेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भारी बारिश से प्रभावित किसानों की मदद के लिए कुछ नहीं किया।
बहकावे में नहीं आएंगे किसान
पूर्व मंत्री हर्षवर्धन पाटिल ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 6 साल में सामान्य किसानों को फायदा पहुंचाने वाले निर्णय लिए हैं। यह पहली बार हुआ है, जब चीनी निर्यात का अनुदान गन्ना उत्पादक किसानों के खाते में जमा कराया है। नए कृषि कानून से सामान्य किसानों का फायदा होगा। कुछ मुठ्ठीभर लोग कानून का विरोध कर रहे हैं, लेकिन किसान इस प्रचार के बहकावे में नहीं आएंगे। इस कार्यक्रम में विधायक सिद्धार्थ शिरोले, राहुल कुल, पुणे शहराध्यक्ष जगदीश मुलीक, भाजपा ओबीसी मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष योगेश तिलेकर, बाबुराव पाचर्णे, दिलीप कांबले आदि उपस्थित थे।
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