भारत में उस कोरोना वायरस के खतरनाक स्ट्रेन की एंट्री हो गई है, जिससे पूरे ब्रिटेन समेत यूरोप में हाहाकार मचा है। ब्रिटेन से भारत लौटे सात लोगों में सार्स-सीओवी-2 का नया स्वरूप (स्ट्रेन) पाया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि बेंगलुरू स्थित निमहांस, हैदराबाद स्थित सीसीएमबी और पुणे स्थित एनआईवी में जांच के लिए आए नमूनों में वायरस का नया स्वरूप (कोविड-19 स्ट्रेन) पाया गया।
मंत्रालय ने बताया कि राज्य सरकारों ने इन सभी लोगों को चिह्नित स्वास्थ्य सेवा केंद्रों में अलग पृथक-वास कक्षों में रखा है और उनके संपर्क में आए लोगों को भी पृथक-वास में रखा गया है। यहां ध्यान देने वाली बात है कि सबसे पहले ब्रिटेन में मिला वायरस का नया स्वरूप डेनमार्क, हॉलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन, फ्रांस, स्पेन, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, कनाडा, जापान, लेबनान और सिंगापुर में भी पाया गया है। नए स्ट्रेन के मामले सामने आने के बाद केंद्र सरकार अलर्ट मोड में आ गई है। हेल्थ मिनिस्ट्री ने मंगलवार को बताया कि 9 से 22 दिसंबर के बीच भारत आए इंटरनेशनल पैसेंजर्स, जो सिंप्टोमैटिक या संक्रमित पाए गए हैं, उनकी जीनोम सीक्वेंसिंग अनिवार्य होगी। वहीं, 31 दिसंबर तक सस्पेंड UK की उड़ानें आगे भी बंद रह सकती हैं। यूनियन एविएशन मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी ने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमें अभी UK की फ्लाइट्स के सस्पेंशन को थोड़ा और बढ़ाना पड़ सकता है।’
नए स्ट्रेन पर वैक्सीन कारगर
भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. के. विजय राघवन ने मंगलवार को कहा, ''टीके यूके और साउथ अफ्रीक्रा में पाए गए वायरस के नए वेरिएंट के खिलाफ भी काम करेंगे। कोई सबूत नहीं है कि मौजूदा वैक्सीन नए स्ट्रेन वाले वायरस से बचाने में फेल हो जाएंगी।'' केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि यूके वेरिएंट के आने की खबर से पहले हमने करीब 5 हजार जिनोम सिक्वेंसिंग की है। उन्होंने कहा, ''अब हम इस संख्या में काफी इजाफा करने जा रहे हैं।'' नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि ठंड के इस मौसम में अभी भी एक बड़ी आबादी कोविड-19 को लेकर अतिसंवेदनशील है। यूके वेरिएंट कई देशों में पहुंच चुका है, जिसमें भारत भी शामिल है। इस वेरिएंट की अपनी गति हो सकती है और हमें बेहद सावधान रहना है। कोई भी लापरवाही नहीं कर सकता है।
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