नई दिल्ली
चीन हर हाल में नेपाल में कम्युनिस्ट पार्टी का शासन चाहता है ताकि भारत के इस पड़ोसी देश में वह साजिशों को अंजाम दे सके। इसलिए चीन कम्युनिस्ट पार्टी के बिखराव को देखकर वह बेचैन हो उठा है। ड्रैगन इस कदर परेशान हो उठा है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी पार्टी से एक हाई लेवल टीम को काठमांडू जाकर नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में टूट को रोकने को कहा है। चीनी राष्ट्रपति का यह फैसला नेपाल में राजदूत हाउ यांकी को मिली असफलता के बाद आया है।
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की सेंट्रल कमिटी के अंतरराष्ट्रीय विभाग के उपमंत्री गियो येछाउ के नेतृत्व टीम रविवार को काठमांडू पहुंचेगी और अगले चार दिनों तक यहां रहेगी। काठमांडू में मौजूद सूत्रों के मुताबिक, राजदूत हाउ ने पहले सत्ताधारी पार्टी के बड़े नेताओं से उनकी मुलाकात तय कर दी है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, जिन्होंने पहले राजदूत हाउ से मुलाकात से इनकार कर दिया था, प्रतिनिधिमंडल से मिलेंगे या नहीं।
इस बात की संभावनाएं कम हैं कि ओली चीनी प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करेंगे। उन्होंने पहले ही राजदूत हाउ को कह दिया है कि चीन को नेपाल के अंदरुनी मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, क्योंकि संसद को भंग करना का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। नेपाल पर नजर रखने वाले एक एक्सपर्ट ने बताया कि राजदूत पीएम ओली कैंप के साथ संपर्क में हैं, लेकिन वह पीएम से संपर्क नहीं बना पा रही हैं।
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