मुंबई
बंबई हाईकोर्ट ने जिला कलेक्टर द्वारा मुंबई मेट्रो-3 परियोजना के लिए 102 एकड़ जमीन को एमएमआरडीए को हस्तांतरित करने के फैसले पर सवाल उठाया है। अदालत ने चेतावनी देते हुए कहा कि कलेक्टर के आदेश में कई त्रुटियां है, और उन्हें अपना निर्णय वापस लेना चाहिए। इसकी नए सिरे से सुनवाई करनी चाहिए, अन्यथा हम आदेश तय करेंगे।
गौरतलब हो कि पर्यावरणविदों के विरोध के बाद आरे कॉलोनी में कारशेड बनाने के पूर्व सरकार के निर्णय को बदलते हुए महाविकास आघाड़ी सरकार ने मेट्रो कारशेड के लिए कांजुरमार्ग में बनाने का फैसला किया है। अब राज्य सरकार यह निर्णय भी विवादों में घिर गया है। केंद्र सरकार ने दावा किया था कि जमीन केंद्र की थी। साथ ही अदालत में एक याचिका दायर की गई है। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी की पीठ ने सोमवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि जिला कलेक्टर के भूमि हस्तांतरण आदेश में एक त्रुटि थी। प्रस्तावित भूमि पर विवाद हैं और दावा सिविल कोर्ट में लंबित हैं।
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