पटना
पूर्व मंत्री और राजद के सीनियर नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा है कि अगर लालू प्रसाद यादव विधानसभा चुनाव के वक़्त जेल के बाहर होते तो आज तस्वीर कुछ दूसरी होती. राजद और महगठबंधन का हाल ऐसा नहीं होता. अब जब चुनाव परिणाम आ गया है तो किसी पर आरोप प्रत्यारोप करने का कोई फायदा नहीं है. अब किसी की कमी ढूंढने से ज्यादा कमियों को दूर कर आगे बढ़ने की जरूरत है। राजद की समीक्षा बैठक के ठीक पहले चुनाव में मिली हार को लेकर राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने पहली बार पत्रकारों से बातचीत करते हुए अपने मन की पीड़ा व्यक्त कर दी. सिद्दीकी ने इशारों में तेजस्वी के नीतियों पर भी सवाल उठा दिया। सिद्दीकी ने कहा की आज राजद में लालू प्रसाद यादव की नीति और सिद्धांत को आगे बढ़ाने की जरूरत है, कोई दूसरा व्यक्ति लालू यादव नहीं हो सकता है। लालू यादव की तुलना किसी से भी नहीं की जा सकती है। सिद्दीकी इतना कहना नहीं भूलते की कम समय में तेजस्वी यादव ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है और इसे बरकरार रखने की जरूरत है।
दरअसल, राजद में अंदरखाने चर्चा है कि तेजस्वी एक खास टीम से किसी महत्वपूर्ण मामले पर चर्चा करते हैं। पार्टी के अंदर कई ऐसे वरिष्ठ नेता हैं जो इस बात से नाराज हैं। अब्दुल बारी सिद्दीकी चुनाव में मिली हार के लिए अपनी ही पार्टी संगठन और नेता से नाराज चल रहे हैं। उनकी नाराजगी दूर करने के लिए खुद लालू यादव ने पहल की और उन्हें मनाया। इसी का नतीजा है की दरभंगा के राजद जिÞलाध्यक्ष को पार्टी से निकाल बाहर कर दिया गया। सूत्र बताते हैं कि सिद्दीकी की नाराजगी अभी भी दूर नहीं हुई है।
खबर ये भी है की राजद की समीक्षा बैठक में सिद्दीकी का गुस्सा सामने आ सकता है. राजद की बैठक में ये कहा गया है कि अगर किसी को किसी मुद्दे पर नाराजगी है तो वो आवेदन लिख कर आ सकते है। ऐसे कई हारे हुए नेता हैं जो इन मुद्दों को उठा सकते हैं। सिद्दिकी के इस बयान पर कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा कहते हैं कि राजद की समिक्षा बैठक उनकी पार्टी का अंदरूनी मामला है। हर पार्टी चुनाव के बाद समीक्षा करती है और राजद भी कर रही है। जदयू ने राजद की समीक्षा बैठक पर चुटकी ली है।
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