पटना
बात आम नहीं, बेहद खास लोगों की है। मामला नए-नवेले मंत्रियों का है, जिनकी किस्मत चमकी तो मंत्री से लेकर उपमुख्यमंत्री तक बन गए, लेकिन रहने को एक बंगला तक नहीं मिल पाया। एकबार फिर किस्मत के चमकने का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि अगर इस बार किस्मत ने साथ नहीं दिया तो राजनीति के लुटियन जोन का हिस्सा रहकर भी लुटियन जोन में रहने का सपना साकार नहीं हो पाएगा। असल में सूबे में बनी नई सरकार में जहां एक ओर विभागों के बंटवारे और मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर असमंजस की स्थिति दिखाई दे रही है, वहीं मंत्रियों और विधायकों को आवास आवंटित करने में भी बड़ी परेशानी सामने आ रही है। हालात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लगभग 1 महीने से मंत्री के तौर पर कामकाज संभाल रहे नेताओं को अबतक सरकारी आवास तक नहीं मिल पाया है।
इस मामले में अभी तक सबसे ज्यादा किस्मत वाले उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद साबित हुए हैं, जिन्हें ना सिर्फ कामकाज संभालने के महज 23 दिन बाद सरकारी बंगला मिल गया, बल्कि 5 देशरत्न मार्ग का आलीशान घर भी मिला है। यह वही बंगला है, जिसमें पहले उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव रह चुके हैं। तेजस्वी ने अपने उपमुख्यमंत्री काल में इस बंगले को साजो-सज्जा से बेहद आलीशान तरीके से तैयार करवाया था। अब इसी बंगले में रह रहे तारकिशोर प्रसाद ने यहां जनता दरबार तक लगाना शुरू कर दिया है।
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