नई दिल्ली
ड्रोन का इस्तेमाल सर्विलांस के लिए तो किया जा रहा है, पर हमलों के लिए भी इसका इस्तेमाल हो सकता है। इसके मद्देनजर सेनाएं ड्रोन को मार गिराने वाली आधुनिक तकनीक खरीदने की तैयारी कर रही हैं। नौसेना ने इसकी पुष्टि की है। सूत्रों के अनुसार, अत्याधुनिक ड्रोन के जरिये हमले संभव हैं। हालांकि, ऐसे ड्रोन कुछ ही देशों के पास हैं और अभी ये आतंकियों की पहुंच से बाहर हैं। लेकिन इससे सुरक्षा बलों के लिए एक नई चुनौती पैदा हुई है। ड्रोन हमलों से बचाव के लिए एंटी ड्रोन तकनीक की जरूरत सेनाएं महसूस कर रही हैं।
नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने कहा कि ड्रोन हमलों को रोकने के लिए एंटी ड्रोन तकनीक हासिल की जा रही है। यह एक खास किस्म की गन होती है, जिससे ड्रोन को लक्ष्य बनाकर नष्ट किया जा सकता है। इस दिशा में थल सेना एवं वायुसेना भी कार्य कर रही हैं। संभावना है कि तीनों सेनाओं के लिए एक साथ एंटी ड्रोन गन खरीदी जा सके। यह खरीद त्वरित गति से की जाएगी। हाल में नौसेना ने अमेरिका से दो अत्याधुनिक निगरानी ड्रोन एमक्यू-9 लीज पर लिए हैं। इनका इस्तेमाल सर्विलांस के लिए किया जा रहा है।
Post a comment