कमर्शियल दरों से वसूल करेगी शुल्क
मुंबई
जर्जर हो चुके निजी स्कूलों को मनपा अपने स्कूल किराए पर देगी। मनपा इसके लिए कमर्शियल दरों पर शुल्क वसूल करेगी। प्रत्येक कक्षा के लिए 1 लाख से 2 लाख रुपए तक की डिपॉजिट राशि जमा कराई जाएगी और किराया लिया जाएगा। मनपा के शिक्षा विभाग ने इस तरह का मसौदा तैयार कर शिक्षण समिति के समक्ष रखा है।
निजी स्कूलों के जर्जर होने के बाद उनकी मरम्मत के लिए खर्च और समय नष्ट होने से विद्यार्थियों की पढ़ाई का नुकसान होता है। ऐसे स्कूलों को मनपा के स्कूलों की कक्षाएं किराए पर देने की मांग महापौर किशोरी पेडणेकर ने वर्ष 2018 में की थी। महापौर उस समय जब प्रभाग समिति की अध्यक्ष थीं, उनकी मांग के अनुसार महानगरपालिका ने एक नीति बनाई है। प्रशासन न केवल उन स्कूलों के लिए कक्षाओं को किराए पर देने का फैसला किया है, जिनकी इमारत पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है और जिनका पुनर्निर्माण किया जाना है। इसके लिए कामर्शियल दरों पर शुल्क वसूला जाएगा। इसके अलावा, मराठी स्कूलों के लिए प्रत्येक कमरे के लिए 1 लाख रुपए, कम से कम दस कमरों के लिए 10 लाख रुपए और अन्य भाषा के स्कूलों के लिए 2 लाख रुपए की सुरक्षा राशि जमा कराई जाएगी। इसके अलावा, तीसरे वर्ष के बाद दो गुना मासिक शुल्क वसूलने का प्रस्ताव है। मनपा प्रशासन ने अपने मसौदे में कहा है कि नगरपालिका स्कूलों का उपयोग अधिकतम 5 वर्षों के लिए किया जा सकता है। उसके बाद, कक्षाओं को खाली नहीं करने पर उन्हें खाली करने के लिए बल का प्रयोग किया जाएगा।
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