करोना की लड़ाई अब अंतिम दौर में दिख रही है. चारों ओर से वैक्सीन को लेकर सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक में कुछ हप्तों में वैक्सीन उपलब्ध होने के संकेत दिए हैं. यह एक अच्छी बात है कि कोरोना को लेकर मार्च अप्रैल में जो दहशत का माहौल था आज वैसा नहीं है. लोगों में घटते संक्रमण और संक्रमितों के ठीक होने के आंकड़े और मृत्यु दर में भी जो दुनिया के कई देशों के मुकाबले बहुत अच्छी स्थिति में नजर आ रहा है केकारण पहले की अपेक्षा अब कोरोना का भय और डर काफी कम हो गया है. यह सारे अभिनंदनीय संकेत हैं और आवाम को राहत प्रदान करने वाली स्थिति है, लेकिन कोरोना अभी गया नहीं है और वैक्सीन आने के बाद उसे सबको लगाने में समय लगेगा तब तक बेफिक्र होने जैसी कोई बात नहीं है. यह दुखद है कि आज जबकि इस महामारी को लेकर जागरूकता अभियानों का एक लंबा काल बीत चुका है. लोग मास्क पहने इसके लिए बाध्य करन े के लिए उनपर जुर्माना लगाना पड़ रहा है. आज भी हमारे समाज में ऐसे नादान सूरमाओं की कमी नहीं है जो मास्क लगाने को कहने के बाद पुलिस और स्थानीय निकाय कर्मियों से उलझ जाते है, ऐसा करने वालों में स्त्री - पुरुष दोनों शामिल हैं. पढे लिखे गवांरों को यह पता नहीं है कि जो भी बन्धन लगाए जा रहे हैं वह उनके हित में है. अभी भी कई शहरों में ऐसे कुछ क्षेत्र हैं जहां लोगों की लापरवाही के कारण स्थित नियंत्रित नहीं हो रही है. अब जब सब कुछ ठीक हो रहा है. एैसी स्थिति में ऐसा कुछ ना हो कि माहौल खराब हो, इसकी जबाबदारी सबको लेनी होगी. मास्क पहनने के लिए न्यायलय से आदेश आये, जुर्माना लगे यह समाज के लिए शोभनीय नहीं है.
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