आंदोलन से ध्यान भटकाने के लिए पत्र का जिक्र: पवार
मुंबई
पिछले दो हप्तों से कृषि कानून को लेकर जारी किसानों के आंदोलन के बीच पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार द्वारा 10 साल पूर्व मुख्यमंत्रियों को लिखे गए पत्र के सामने आने पर राजनीति गरमा गई है। मंगलवार पत्र पर राकांपा के मुखिया शरद पवार ने सफाई देते हुए कहा कि मैंने कहा था कि एपीएमसी एक्ट में सुधार की जरूरत है, लेकिन एपीएमसी एक्ट कुछ सुधारों के साथ जारी रहना चाहिए। पवार ने कबूल किया कि उन्होंने एपीएमसी एक्ट में सुधार करने के लिए मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा था, लेकिन उस पत्र में तीन कानूनों का जिक्र नहीं है।
विपक्ष पर निशाना साधते हुए पवार ने कहा कि मेरे पत्र को लेकर देश की जनता के बीच भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन इसे
ज्यादा महत्व देने की जरूरत नहीं है। पवार ने कहा कि किसानों के मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश की जा रही है। नए कृषि कानून को लेकर किसानों द्वारा जारी आंदोलन का राकांपा, शिवसेना तथा कांग्रेस सहित कई राजनीतिक दलों ने समर्थन किया है। किसानों को डर है कि इन तीनों कानूनों के आने से उनकी आमदनी पर असर पड़ेगा और वे बड़े कॉर्पोरेट घरानों की 'दया' पर निर्भर होकर रह जाएंगे।
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