मुंबई
26 जुलाई 2005 को मुंबई की मीठी नदी में बाढ़ आई थी, जिसके बाद केंद्र सरकार ने विकास और सुरक्षा के लिए सहायता की घोषणा की। गत 15 वर्षों में मीठी नदी को आज तक केंद्र सरकार से फूटी कौड़ी नहीं मिली। यह जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता को एमएमआरडीए प्रशासन ने दी है। केंद्र से कुल 1657.11 करोड़ रुपए राशि की मांग की गई थी। आरटीआई कार्यकर्ता ने एमएमआरडीए प्रशासन से मीठी नदी विकास काम के अंतर्गत एमएमआरडीए और मनपा द्वारा किए हुए विकास काम और केंद्र से मांगी हुई राशि और अब तक प्राप्त राशि की जानकारी मांगी थी। एमएमआरडीए प्रशासन ने बताया कि मीठी नदी विकास काम के अंतर्गत एमएमआरडीए द्वारा किए गए विकास काम के लिए केंद्र से मांगी हुई राशि 417.51 रुपए थी और मनपा द्वारा किए गए काम के लिए 1239.60 करोड़ रुपए की मांग की गई थी। एमएमआरडीए को अब तक कोई राशि नहीं मिली है। बता दें कि 26 जुलाई 2005 को हुई भारी बारिश से मीठी नदी में बाढ़ आई थी और तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने मीठी नदी के लिए आर्थिक मदद की घोषणा भी की थी। उसके बाद ही राज्य सरकार ने मीठी नदी विकास व संरक्षण प्राधिकरण का गठन किया था। आरटीआई कार्यकर्ता के अनुसार फंड के अभाव में नदी की और दुर्दशा हुई है और जो राशि खर्च करने का दावा किया गया है उसका आॅडिट करने की आवश्यकता है। केंद्र सरकार ने मीठी नदी के विकास कार्य के लिए जितनी राशि देने की बात कही थी वह देनी चाहिए।
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