स्थायी समिति ने ठुकराया मनपा प्रशासन का प्रस्ताव
मुंबई
मनपा प्रशासन के मल्टीप्लेक्टस और सुपर डीलक्स सिनेमाघरों का टैक्स प्रति शो 62 रुपए से बढ़ाकर 1 हजार रुपए करने के निर्णय को स्थायी समिति ने ठुकरा दिया है। स्थायी समिति द्वारा टैक्स बढ़ाने के प्रस्ताव को ठुकराए जाने के बाद टिकट दरों में बढ़ोत्तरी होने की संभावना बेहद कम हो गई है।
रंगभूमि के तहत आने वाले मल्टीप्लेक्स और सुपर डीलक्स जैसे सिनेमाघर का टैक्स बढ़ाने का निर्णय हर पांच साल में लिया जाता है। मनपा प्रशासन ने वर्ष 2015 में टैक्स बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास भेजा था, उसे राज्य सरकार ने मंजूर नहीं किया। मनपा प्रशासन ने वर्ष 2020 में सिनेमाघरों के टैक्स बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव तैयार किया था, जिसके अनुसार सिनेमाघरों में प्रति शो टैक्स 62 रुपए से बढ़ाकर 1 हजार रुपए करने का निर्णय मनपा प्रशासन ने किया था। कोरोना काल में सभी परेशान है, सिनेमाघर तो अभी तक पूरी तरह शुरू भी नहीं हो सके है। ऐसे में स्थायी समिति ने टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव ठुकरा दिया। इससे सिनेमाघरों में टिकट के दाम नहीं बढ़ेंगे। मनपा अधिकारियों का कहना है कि मल्टीप्लेक्स और सुपर डीलक्स के सिनेमाघर आम लोगों से एक शो का 200 से 250 रुपए वसूलते है। रंगभूमि पर टैक्स लेने की शुरुआत 1 अप्रैल 1951 से हुई थी। उसके बाद 1 अप्रैल 1975 तक टैक्स दर में बढ़ोत्तरी की गई। टैक्स बढ़ोत्तरी का निर्णय उसके बाद सीधे 35 साल बाद 2010 में लिया गया।
इस तरह बढ़ने वाला था टैक्स
मल्टीप्लेक्स और सुपर डीलक्स सिनेमाघरों में प्रति शो टैक्स 62 रुपए से बढ़ाकर एक हजार रुपए किया जाना था। वातानुकूलित सिनेमाघरों की दर 66 रुपए से बढ़ाकर 200 रुपए, सामान्य सिनेमाघरों में टैक्स 50 रुपए से बढ़ाकर 150 रुपए, इसी तरह नाटक, जलसा, मनोरंजन कार्यक्रम का टैक्स 28 रुपए से बढ़ाकर 100 रुपए और आनंद मेला का 55 रुपए से बढ़ाकर 100 रुपए टैक्स किया जाना था।
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