गोरखपुर
प्रदेश के वन, पर्यावरण एवं जंतु उद्यान मंत्री दारा सिंह चौहान ने कहा कि पूर्वांचल में इको टूरिज्म के क्षेत्र में विकास और रोजगार की अपार संभावनाएं हैं और सरकार इस क्षेत्र को इको टूरिज्म का हब बनाएगी। वन मंत्री गोरखपुर विश्वविद्यालय एवं नियोजन विभाग उत्तर प्रदेश की ओर से आयोजित तीन दिवसीय पूर्वांचल का सतत विकास : मुद्दे, रणनीतियां एवं भावी दिशा विषयक राष्ट्रीय वेबिनार के अंतर्गत आयोजित प्राथमिक क्षेत्र के आठवें तकनीकी सत्र को बतौर अध्यक्ष संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की विशेष रुचि से यह क्षेत्र इको टूरिज्म का हब बनने जा रहा है। उपेक्षित पड़े विशाल नैसर्गिक झील रामगढ़ ताल का कायाकल्प कर दिया गया। यह ताल आने वाले दिनों में पूर्वांचल के इको टरिज्म का नेतृत्व करेगा। इसके साथ ही संतकबीरनगर में बखिरा झील, महराजगंज का सोहगीबरवा, सोनभद्र का मसूरी के केंपटी फाल जैसा नजारा आदि पर्यटकों को आकर्षित करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि महराजगंज में टाइगर रेस्क्यू सेंटर ओर गिद्ध संरक्षण केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। जनवरी 2021 में गोरखपुर में चिडिय़ाघर खुल जाएगा, इससे भी इको टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के वनवासी क्षेत्रों में प्रदेश सरकार की योजना है कि वनवासी क्षेत्रों में स्टे होम बनाकर ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए। इससे वन क्षेत्रों में रहने वालों की आय भी बढ़ेगी। वन मंत्री ने बताया कि पिछले तीन सालों में प्रदेश के इको टूरिज्म स्थलों पर लोगों के आने का सिलसिला 20 गुना तक बढ़ा है। उन्होंने कहा कि अगले साल पौधारोपण के मामले में एक नया रिकार्ड बनाया जाएगा।
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