मुंबई
देश में कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं। कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। कोरोना के प्रसारण को रोकने के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया कि दूसरे राज्यों से महाराष्ट्र आने वाले लोगों को अपने आरटी-पीसीआर परीक्षण से गुजरना होगा और नेगेटिव रिपोर्ट साथ लेकर जाना होगा। रिपोर्ट होने पर ही यात्रियों को महाराष्ट्र में प्रवेश दिया जाएगा। महाराष्ट्र सरकार के फैसले से उड़ानों में यात्रा करने वालों की संख्या में गिरावट देखी गई है।
इसका कारण यह है कि एक तरफ यात्री को यात्रा का खर्च तो होता ही है, साथ ही कोरोना परीक्षण की लागत भी वहन करनी पड़ती है। कोरोना टेस्ट अनिवार्यता के चलते अहमदाबाद-मुंबई उड़ानों में यात्रियों की संख्या 20 प्रतिशत तक कम हो गई है। यह भी देखा गया है कि फ्लाइट में कोरोना जांच अनिवार्य कर दिए जाने से कुछ यात्री निजी वाहनों में यात्रा करना पसंद कर रहे हैं। अहमदाबाद ही नहीं, दिल्ली और गोवा से मुंबई आने वाली फ्लाइट में यात्रियों की संख्या में कमी आई है।
ऐसी भी चर्चा है कि आरटी-पीसीआर के नेगेटिव रिपोर्ट की चाहत में यात्री अन्य लोगों की नेगेटिव रिपोर्ट की तस्वीरें लेकर उसमें गलत ढंग से अपना नाम और तारीख चेप कर अपने मोबाइल में सहेज कर उसे अपनी रिपोर्ट के रुप में हवाई अड्डे पर जांच करने वाले ग्राउंड स्टाफ को दिखा देते हैं। गहन जांच के अभाव में ऐसे नकली रिपोर्टों के आधार पर ऐसे यात्री सुरक्षा जांच से गुजर जाते हैं। लेकिन एक प्रकार से यह अन्य यात्रियों के लिए जोखिमकारक सिद्ध हो सकता है। ऐसे में यदि यात्रियों से कोरोना जांच रिपोर्ट के मूल नकल मांगी जाए या कलर कॉपी मांगी जाए तो भी ऐसा फर्जीवाड़ा रूक सकता है।
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