अतिवादी संगठनों ने की हिंसा फैलाने की प्लानिंग
नई दिल्ली
नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन दो सप्ताह से चालू है। केंद्र सरकार और किसान संगठनों की कई स्तर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला है। अब अपनी मांगों के लिए किसान संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। किसानों ने अपना आंदोलन और तेज करने की बात कही, जबकि केंद्र सरकार के अलावा अलग-अलग सुरक्षा एजेंसियों की नजर इस आंदोलन पर है। इस बीच खुफिया सूत्रों के हवाले से जानकारी मिल रही है कि अल्ट्रा-लेफ्ट नेताओं और समर्थक वामपंथी चरमपंथी तत्वों ने किसानों के आंदोलन को हाईजैक कर लिया है। खुफिया सूत्रों का कहना है कि अतिवादी संगठन आने वाले दिनों में किसानों को हिंसा, आगजनी और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए उकसाने की योजना बना रहे हैं। महाराष्ट्र साइबर सेल का दावा है कि किसान आंदोलन की आड़ में खालिस्तानी मूवमेंट्स चलाए जाने की आशंका है। कुछ दावा किया है कि इस आंदोलन के बीच खालिस्तानी विचारधारा के समर्थन सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं। कई सोशल अकाउंट्स जो इस्तेमाल नहीं हो रहे थे, उन पर एक्टिविटी बढ़ गई है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कट्टर विचारधारा के लोगों ने बीते कुछ दिनों के भीतर आतंकी भिंडरावाले और खालिस्तान से जुड़ी पोस्ट्स शेयर की। महाराष्ट्र साइबर सेल ने दावा किया कि 16 दिनों में करीब 12,800 पोस्ट्स पाए गए जिसमें खालिस्तान का जिक्र है। जबकि 6321 पोस्ट्स में भिंडरावाले का जिक्र है। सेल ने दावा किया कि उनकी जांच में यह पाया गया कि अधिकतर अकाउंट्स का इस्तेमाल ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा और भारत से चलाए जा रहे हैं। कुछ अकाउंट्स नवंबर या दिसंबर में बनाए गए तो कुछ अकाउंट्स हैं जो अब तक इनएक्टिव थे लेकिन अचानक से उन पर गतिविधि बढ़ गई है।
कृषि मंत्री ने किया सावधान
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों की आड़ में कुछ असामाजिक तत्व उनके आंदोलन का माहौल बिगाड़ने की साजिश कर रहे हैं। उन्होंने आंदोलन कर रहे किसान संगठनों से ऐसे तत्वों को अपना मंच प्रदान न करने की अपील की। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को लगता है कि किसान आंदोलन को हाइजैक किया जा रहा है। उन्होंने आंदोलनकारियों के हाथों में उमर खालिद, शरजील इमाम जैसे लोगों की रिहाई की मांग वाले प्लेकार्ड्स होने के पीछे साजिश की बात कही। प्रसाद ने कहा, 'इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि टुकड़े-टुकड़े गैंग अजेंडे को टेकओवर करने की कोशिश कर रहे हैं।केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, 'सरकार किसान संगठनों से बातचीत के लिए तैयार है। सरकार ने किसानों की कई मांगें मान ली हैं लेकिन जब बातचीत में उनकी मंशा प्रकट हुई कि शरजील इमाम जैसे लोगों की रिहाई हो। मुझे लगता है कि किसान संगठन की जगह अब आंदोलन देश को तोड़ने वाले हाथों में चला गया है।'
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