देश का किसान पीएम मोदी के साथ
पटना
भारत बंद का बिहार में मिला जुला असर देखने को मिला है। सूबे की कई मुख्य सड़कों पर प्रदर्शनकारियों की वजह से भारी जाम की स्थिति पैदा हो गई कई रेल रुट को भी बाधित किया गया। हालांकि शासन की मुस्तैदी से ऐसी स्थिति से त्वरित निजात दिलाने की भी कवायद की जाती रही। अब भारत बंद को सत्ताधारी राजग सरकार में शामिल दलों ने जहां फ्लॉप करार दिया है, वहीं विरोधी दलों का दावा है कि सूबे के किसानों ने भारत बंद को सफल बनाया है। विपक्षी दलों द्वारा सफल भारत बंद के दावों पर पर जदयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि विपक्षी दलों द्वारा किसानों को गुमराह किया जा रहा है पूरे देश में बन्द का कोई असर नहीं है।
केसी त्यागी ने कहा, मंडी व्यवस्था में संशोधन करने की जरू रत है जो बिल में प्रवाधन है। बिहार में बहुत पहले ही मंडी व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि किसानों और सरकार में अगले दौर की बातचीत में सार्थक नतीजे निकलकर आएंगे। केसी त्यागी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसानों की फ़सल को औने-पौने दामों में खरीदने वालों बिचौलियों को समाप्त करने और फसलों को ज्यादा से ज्यादा दाम मिले उसी को लेकर ऐसा प्रवधान किया है, लेकिन विपक्षी दलों को इसका राजनीतिकरण करने में लगे हुए हैं। वहीं, बीजेपी सांसद अजय निषाद ने भारत बंद को विफल करार देते हुए कहा कि विपक्षी दलों द्वारा किसानों को गुमराह किया जा रहा है। प्रधानमंत्री जी किसान बिल लाकर उनके फसलों को औने-पौने दामों में खरीदने वालों को करारा जवाब दिया है। पीएम मोदी किसानों के हितैषी हैं। प्रधानमंत्री ने उनकी आय को दोगुना करने के लिए ही यह प्रावधान लाया है। किसानों द्वारा बिल को अच्छे ढ़ंग से अवलोकन नहीं किया गया है इसलिए विरोध हो रहा है। एनडीए में शामिल दलों के दावों के विपरीत माकपा के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने कहा कि पटना सहित पूरे राज्य में, दिल्ली में संघर्षरत किसानों के पक्ष में एकजुटता एवं केंद सरकार की दमनात्मक कार्रवाईयों के खिलाफ भारत बंद के समर्थन में मार्च निकाला गया. उन्होंने कहा कि किसानों के संघर्ष एवं मांगों के प्रति पूरी एकजुटता दिखाते हुए केंद्र सरकार की दमनात्मक कार्रवाइयों की तीखे शब्दों में निंदा की।
भारत बंद में सीन से 'गायब' रहे तेजस्वी
पटना
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लाए गए नये कृषि कानून के विरोध में कई किसान संगठनों के साथ ही विभिन्न राजनीतिक दलों के लोग भी सड़कों पर उतरे । महागठबंधन में शामिल भाकपा माले, सीपीआई, सीपीएम के अलावा कई जगहों पर कांग्रेस के कार्यकर्ता भी विरोध करते नजर आए। यहां तक की जन अधिकार पार्टी के वर्कर भी काफी संख्या में प्रोटेस्ट में हिस्सा लिया। राजद के कार्यकर्ता भी विभिन्न जिलों में भारत बंद को सफल करने के लिए सड़कों पर उतरे, पर वे नजर नहीं आए जिनको सभी की नजरें तलाश कर रही थीं। दरअसल हैरत की बात यह रही कि बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भारत बंद में कहीं भी नहीं दिखे, जबकि दो दिन पहले उन्होंने कहा था कि किसानों के लिए अगर सरकार मुझे फांसी पर लटका देगी तो मंजूर होगा
Post a comment