मुंबई
महाराष्ट्र के औरंगाबाद स्थित सरकारी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज जीएमसीएच इन दिनों एक गंभीर समस्या से जूझ रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि लोग यहां बुजुर्गों का इलाज कराने के लिए आते हैं और इलाज के दौरान ही उन्हें अस्पताल में अकेला छोड़ कर चले जाते हैं। ऐसी घटनाएं बीते दिनों में कई बार घट चुकी है। अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि जीएमसीएच महाराष्ट्र के औरंगाबाद और मराठवाड़ा क्षेत्र का सबसे बड़ा सरकारी स्वास्थ्य केंद्र है। जहां पर तकरीबन 8 जिलों के लोग आकर अपना इलाज करवाते हैं। उन्होंने बताया कि परिवार के लोग अपने परिजनों का इलाज कराने इस अस्पताल में आते हैं और उन्हें यही अकेला छोड़ कर चले जाते हैं। सरकारी अस्पताल जीएमसीएच के अधीक्षक डॉ सुरेश हारबड़े ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण लगाए गए लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में यहां ऐसे बुजुर्गों की संख्या काफी बढ़ गई है, जिन्हें उनके घर वाले अकेला छोड़ कर चले गए हैं। उन्होंने कहा कि हमने औरंगाबाद महानगरपालिका के साथ मिलकर एक अभियान चलाया है और ऐसे कई बुजुर्गों को स्थानीय वृद्ध आश्रमों और आश्रय ग्रहों में भेजा है। डॉ हारबड़े ने बताया कि बुजुर्ग अस्पतालों के परिसर, फुटपाथ और ऐसी जगहों पर रहते हैं, जहां उन्हें आसानी से खाना मिल सके। डॉक्टर ने बताया कि जब हमारे कर्मचारी और सामाजिक कार्यकर्ता ऐसे बुजुर्गों के परिजनों से इन्हें वापस घर ले जाने की बात करते हैं तो उनकी तरफ से नीरसता और नकारात्मकता देखने को मिलती है।
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