मुंबई
कोविड वैक्सीन आने पर अफरा-तफरी का माहौल न बने, इसलिए मुंबई ने इसके स्टोरेज, ट्रांसपोर्टेशन, डिस्ट्रीब्यूशन का पूरा ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया है। शुरुआती फेज में टीकाकरण और स्टोरेज के लिए मुंबई महानगर पालिका ने चार अस्पतालों को चुना है और एक वैक्सीन टास्क फोर्स बनाई है। बीएमसी का मानना है कि पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध हुई तो तीन महीने में पूरी मुंबई को वैक्सीन लग सकती है। कोरोना का हॉटस्पॉट रही मुंबई, कोविड वैक्सीन के लिए ब्लूप्रिंट तैयार कर चुकी है। बीएमसी ने वैक्सीन के लिए दस सदस्यों वाली एक टास्क फोर्स बनाई है। करीब तीन हजार स्टाफ को वैक्सीन के ट्रांसपोर्टेशन, वैक्सीन बॉक्स को हैंडल करने की ट्रेनिंग दी जा रही है। शुरुआती फेज में केईएम, सायन, नायर और कूपर अस्पताल को टीकाकरण और इसके संग्रह के लिए चुना गया है।
वैक्सीन के लिए कोल्ड स्टोरेज की मौजूदा व्यवस्था की समीक्षा हो रही है, ताकि जरूरी बदलाव किए जा सकें। रेफ्रिजरेटर, बर्फ के डब्बे और खास कूलर ऑर्डर किए जा रहे हैं। 60 लाख वैक्सीन वाले स्टोरेज क्षमता तैयार करने की कोशिश है। जरूरत पड़ी तो ब्लड बैंक और ड्रग स्टोरेज का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। कुछ अतिरिक्त कोरोना वैक्सीन को कांजुरमार्ग की एक पांच मंजिला इमारत में स्टोर किया जाएगा। इससे पहले इस इमारत को कोल्ड स्टोरेज में तब्दील किया जाएगा। एडिशनल म्युनिसिपल कमिश्नर और हेड-वैक्सीन टास्क फोर्स सुरेश ककानी ने कहा कि हमने पूरा ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया है। ब्लू प्रिंट में स्टोरेज कैपेसिटी, ट्रांसपोर्टेशन फैसिलिटी के साथ ही डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क और इसके लिए जो डेटा लगेगा, किन-किन लोगों को देना है, इसकी भी पूरी जानकारी इकठ्ठी कर ली है और काम शुरू कर दिया है। स्टोरेज की अगर बात करें तो बीएमसी के चार मेडिकल कॉलेजों में उचित मात्रा में स्टोरेज फैसिलिटी उपलब्ध है। मुंबई के नायर और केईएम अस्पताल में कोविड शील्ड वैक्सीन का ट्रायल 248 लोगों पर हुआ। नायर अस्पताल के डीन बताते हैं कि यहां 4-5 हजार वैक्सीन स्टोर करने की क्षमता है। नायर अस्पताल के डीन डॉ रमेश भरमाल ने कहा कि चारों मेडिकल कॉलेजों की स्टोरेज क्षमता की हम समीक्षा कर रहे हैं। हमारे मेडिकल कॉलेज में 4-5 हजार वैक्सीन आराम से रखी जा सकती हैं। अगर जरूरत पड़े तो उससे
ज्यादा की भी फैसिलिटी हम तैयार कर सकते हैं।
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