पटना
शहाबुद्दीन को बिहार में लाने के बाद उनकी न्यायिक हिरासत और सुरक्षा की गारंटी लेने के लिए न तो बिहार की सरकार और न ही दिल्ली पुलिस तैयार हुई। राजद के बड़े नेता और सिवान के पूर्व सांसद बाहुबली शहाबुद्दीन ने अपने परिवार से मिलने के लिए कोर्ट से पैरोल मंजूर करने का आग्रह किया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने बिहार सरकार और दिल्ली पुलिस की राय जानने के बाद राजद नेता की पैरोल मंजूर तो कर ली है, लेकिन उन्हें बिहार आने की इजाजत नहीं दी गई है। उनके पैरोल के साथ कई शर्तें जोड़ी गई हैं। बाहुबली नेता के पिता का निधन 19 सितंबर को हो गया था। इसके बाद वह अपनी मां और अन्य स्वजनों से मिलना चाहते थे। उन्होंने अर्जी लगाई थी कि उनकी मां आजकल बहुत अच्छी हालत में नहीं हैं और वे उनसे मिलना चाहते हैं। कोर्ट ने उन्हें तीन दिन की पैरोल दी है, लेकिन हर दिन वे केवल आधे घंटे के लिए ही अपने परिवार से मिल सकेंगे।
शहाबुद्दीन हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। बिहार सरकार ने राजद नेता को स्थानीय जेल में रखने पर विधि-व्यवस्था की परेशानी का मामला बताया था। इसके बाद उन्हें दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखा गया है। मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टसि एजे भंबानी ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि निश्चति ही यह मामला थोड़ा अलग है। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से कहा कि बिहार ले जाकर शहाबुद्दीन को हिरासत में रखना और सुरक्षा व्यवस्था को बनाये रखना चुनौतीपूर्ण है। इसके लिए बड़ी तादाद में पुलिस बल की तैनाती करनी पड़ेगी। बिहार की सरकार ने भी पूर्व सांसद को बिहार लाने पर सुरक्षा और उनकी न्यायिक हिरासत को बरकरार रखने पर कोई आश्वासन देने से मना कर दिया।
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