नई दिल्ली
सेना की ताकत में इजाफे का दौर लगातार जारी है। हाल ही में डीआरडीओ की तैयार प्रोटेक्टिव कार्बाइन का सफल परिक्षण कर लिया गया है। सोमवार को हुए इस परीक्षण में हथियार ने ट्रायल्स के आखिरी दौर में प्रवेश कर लिया था। गुरुवार को रक्षा मंत्रालय की तरफ से जानकारी मिली है। मंत्रालय ने बताया कि यह गर्मियों में बड़े तापमान और सर्दियों में यूजर ट्रायल्स की श्रंखला का आखिरी दौर था। प्रोटेक्टिव कार्बाइन ने सटीकता और विश्वसनीयता के मापदंडों को पूरा किया है। मंत्रालय ने बताया कि इससे हथियार के सेना में शामिल होने का रास्ता तैयार हो गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि जॉइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कार्बाइन यानि जेपीवीसी एक गैस चलति सेमी ऑटोमैटिक हथियार है। तीन किलोग्राम वजनी यह हथियार 100 मीटर की रेंज तक 700 आरपीएम की दर से गोलियां दाग सकता है। यह कार्बाइन डीआरडोओ की पुणे स्थित लैब आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट ने भारतीय सेना के जीएसक्यूआर के आधार पर डिजाइन किया गया है। खास बात है कि यह हथियार पहले ही ट्रायल्स को सफलतापूर्वक पूरा कर चुका है।
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