मुंबई में 1926 हेल्थकर्मियों को लगी वैक्सीन
मुंबइ
महाराष्ट्र में 16 जनवरी से कोरोना टीकाकरण की शुरुआत हुई। राज्य के 285 केंद्रों पर शनिवार शाम सात बजे तक 18 हजार से अधिक फ्रंट लाइन वर्कर्स को टीका लगाया गया। इधर मुंबई में टीकाकरण का पहले दिन का टार्गेट पूरा नहीं हो सका। महानगर में मनपा के 9 सेंटरों सहित राज्य सरकार के जेजे अस्पताल में 4 हजार लोगों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा था, जिसमें से शाम तक 1926 हेल्थकर्मियों का टीकाकरण हो सका। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्तर पर टीकाकरण का शुभारंभ किया, जबकि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बांद्रा-कुर्ला कांप्लेक्स के जंबो कोविड सेंटर में शुरुआत की। महाराष्ट्र में शाम 7 बजे के बाद तक टीकाकरण जारी रहा। तकरीबन 18 हजार 338 (64 प्रतिशत) को कोरोना का टीका लगाया गया। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ. प्रदीप व्यास ने कहा कि टीकाकरण का अच्छा प्रतिसाद देखने को मिला। दिन भर में किसी में भी टीके की वजह से साइड इफैक्ट नजर नहीं आए। मुंबई शहर के पालक मंत्री असलम शेख ने जेजे अस्पताल में टीकाकरण मुहिम की शुरुआत की। राज्य में सुबह 11 बजे के बाद टीकाकरण की शुरुआत हुई। जिन जगहों पर कोविन एप में तकनीकी दिक्कत आई, वहां मैनुअल पंजीकरण की केंद्र सरकार ने अनुमति दी। इधर मुंबई में मनपा के 9 केंद्रों के 40 बूथ पर चार हजार तथा राज्य सरकार के जेजे अस्पताल में 100 लोगों को टीका लगाया जाना था, लेकिन शाम तक दो हजार का आंकड़ा पूरा नहीं हो पाया। देर शाम तक कुल 1926 हेल्थकर्मियों को टीका लगाया गया। जेजे में 39 डॉक्टर और नर्स ने टीका लगवाया। मनपा के केईएम, सायन और नायर, कूपर अस्पतालों सहित बीकेसी जंबो कोविड सेंटर, राजावाड़ी, शताब्दी, वीएन देसाई और भाभा अस्पतालों में टीकाकरण का 50 फीसदी आंकड़ा पूरा नहीं हो सका। केईएम अस्पताल में 243, सायन में 188, नायर में 190, कूपर में 262, बांद्रा भाभा में 149, वीएन देसाई में 80, राजावाड़ी में 289, शताब्दी में 266, बीकेसी में 220 और जेजे अस्पताल में मात्र 39 डॉक्टर और नर्सों ने टीका लगवाया।
वैक्सीन को लेकर सोशल मीडिया में जिस तरह की अफवाह फैलाई जा रही है, उसे लेकर डॉक्टर और नर्सों में भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कई डॉक्टर और नर्स पंजीयन के बावजूद भी केंद्र पर नहीं पहुंचे। जिससे पहले दिन का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया।
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