नई दिल्ली
दुनिया के सबसे आधुनिक लड़ाकू विमानों में शुमार राफेल जेट और बांग्लादेश की सैन्य टुकड़ी इस बार राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड समारोह के सबसे मुख्य आकर्षण होंगे। सैन्य व अर्द्धसैनिक बलों की 36 बैंड टुकड़ियों की देशभक्ति से भरी धुनें सैन्य टुकड़ियों के सलामी मार्च में जोश भरेंगी। हालांकि, कोरोना महामारी को देखते हुए गणतंत्र दिवस समारोह के सबसे ज्यादा रोमांचक मोटरसाइकिल करतब शो का आयोजन इस बार नहीं होगा।
इस बार गणतंत्र दिवस परेड का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल वीके मिश्रा करेंगे और इस दौरान तीनों सेनाओं के साथ अर्द्धसैनिक बलों के 18 दस्ते सलामी मार्च में हिस्सा लेंगे। इसमें सेना का एक घुड़सवार दस्ता और बीएसएफ का ऊंट दस्ता भी शामिल होगा। एनसीसी और एनएसएस के युवाओं की टुकड़ी भी इसमें रहेगी।
कोरोना के कारण परेड की लंबाई छोटी रहेगी और सभी सलामी मार्च विजय चौक से शुरू होकर लालकिले के बजाय नेशनल स्टेडियम तक ही जाएंगे।
राजपथ पर परेड की शुरुआत बांग्लादेश की तीनों सेनाओं के संयुक्त दस्ते और उनके मिलिट्री बैंड की सलामी से शुरू होगी। इसमें सात अधिकारियों समेत 122 सैनिक होंगे।
बांग्लादेश की सैन्य टुकड़ी का नेतृत्व कर रहे कर्नल मोहतशिम चौधरी ने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि यह उनके देश के लिए गौरव की बात है कि भारत के गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने का मौका मिला है। भारत के साथ यह जुड़ाव इसलिए भी विशेष है कि बांग्लादेश की सेना अपने स्वतंत्रता संग्राम में भारतीय सेनाओं की अविस्मरणीय भूमिका के लिए हमेशा शुक्रगुजार है। भारत के सैन्य पराक्रम की झलक दिखाने के लिए सेनाओं के आधुनिक हथियारों की झांकी इस बार भी होगी। इसमें भीष्म टी-90 टैंक, टी-72 टैंक, ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल, पिनाका राकेट लांचर से लेकर तमाम दूसरे हथियार शामिल होंगे।
परमवीर चक्र विजेता पहले की तरह परेड का हिस्सा रहेंगे, मगर कोरोना के कारण इस बार पूर्व सैनिकों का दस्ता शामिल नहीं होगा। कोरोना के चलते ही इस दफा केवल 25,000 लोगों को ही परेड देखने के लिए आमंत्रित किया गया है।
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