लखनऊ
देश की शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को रेल मंत्रालय को बड़ी राहत दे दी है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबड़े की अगुवाई वाली बेंच ताज ट्रिपेजियम जोन (टीटीजे) में चार हजार से ज्यादा पेड़ काटने की अनुमति दे दी है। इस आदेश से अब मथुरा से झांसी के बीच तीसरी रेल लाइन बिछाने का सारा रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसए बोबडे की अगुवाई वाली एक बेंच ने ताज ट्रेपेजियम जोन (टीटीजेड) से गुजरने वाले रेलवे ट्रैक के लिए पेड़ गिराने की अनुमति दी है। ताज ट्रिपेजियम जोन में चार हजार (4108) से ज्यादा पेड़ हैं। मथुरा से झांसी तक तीसरी रेलवे लाइन ले जाने के लिए दोनों स्टेशनों की दूरी के बीच पेड़ काटने के लिए रेल विकास निगम ने मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बाद रेलवे विकास प्राधिकरण को सीईसी की शर्तों का अनुपालन करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा भी है कि यह ध्यान रखा जाए कि वायु प्रदूषण नियंत्रण में रहे, ताकि ताजमहल का रंग न बदले। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि रेल विकास निगम ने जंक्शनों के बीच एक तीसरी रेलवे लाइन के लिए अनुमति मांगी है।
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