पटना
बिहार के 80 हजार सार्वजनिक कुओं का कायाकल्प होगा। पंचायती राज विभाग ने इन कुओं के जीर्णोद्धार की तैयारी शुरू कर दी है। विभाग इसके लिए सर्वे करा रहा है, जिसके बाद इन सभी कुओं की सूची तस्वीर के साथ विभागीय पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। इसके बाद कुओं के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू कराया जाएगा। जीर्णोद्धार कार्य पूरा होने के बाद फिर कुओं की तस्वीर पोर्टल पर अपलोड की जाएगी, ताकि इसकी जानकारी हो सके कि कौन-कौन से कार्य कराए गए हैं। पहले और अब कुओं में क्या फर्क आया है। विभाग ने कुओं के जीर्णोद्धार के लिए मानक तय कर दिया है, जिसके तहत कार्य कराए जाएंगे। हर कुएं के जीर्णोद्धार के बाद समीप में एक सोख्ता का भी निर्माण किया जाएगा। ताकि कुएं का पानी उपयोग के बाद बहकर सोख्ता में ही जाये, जिससे भू-गर्भ जलस्तर मेंटेन रहे। एक कुएं के जीर्णोद्धार पर 60 हजार तक खर्च किये जाएंगे। कुओं की उड़ाही के बाद उनकी साफ-सफाई की जाएगी। कुओं के चारों ओर पक्का प्लेटफॉर्म का निर्माण कराया जाएगा। इसके बाद लोहे की जाली से कुएं को ढंक दिया जाएगा, ताकि उसमें कचरा अथवा कोई जानवर नहीं गिरे। पानी निकालने के लिए उसमें जगह बनी रहेगी। गौरतलब हो कि जल संचयन और भू-गर्भ जलस्तर को बेहतर करने के मकसद से ही कुओं के जीर्णोद्धार का निर्णय लिया गया है। पहले चरण में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को हर प्रखंड में दो-दो कुंओं के जीर्णोद्धार की जिम्मेदारी दी गई है, जिसमें अधिकतर का कार्य पूर्ण कर लिया गया है।
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