बॉम्बे हाईकोर्ट का NIA और महाराष्ट्र सरकार को निर्देश
बॉम्बे हाई कोर्ट ने आज कवि और सामाजिक कार्यकर्ता वरवर राव की जमानत याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान हाई कोर्ट ने कहा है कि एनआईए (NIA) और महाराष्ट्र सरकार को उनकी उम्र और स्वास्थ्य की स्थिति पर विचार करना चाहिए। वरवर राव को 2018 के एलगार परिषद-माओवादी लिंक मामले में गिरफ्तार किया गया था। उनकी तरफ से जमानत याचिका बॉम्बे हाई कोर्ट में दाखिल की गई थी, जिसपर आज सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने एनआईए और सरकार को उनकी उम्र की स्थिति पर विचार करने के लिए कहा है। सात जनवरी को बॉम्बे हाई कोर्ट ने जेल में बंद तेलुगु कवि वरवर राव को 13 जनवरी तक मुंबई के एक निजी अस्पताल में भर्ती रहने का निर्देश दिया था। एलगार परिषद-माओवादी संबंधों के मामले में गिरफ्तार 80 साल के राव को स्वास्थ्य दिक्कतों के चलते अदालत के आदेश पर नवंबर में मुंबई के नानावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था।हालांकि महाराष्ट्र सरकार ने अदालत को नई मेडिकल रिपोर्ट सौंपी थी और कहा था कि राव का स्वास्थ्य अब ‘काफी बेहतर’ है। वह ठीक हैं और चल-फिर सकते हैं।
राज्य सरकार और एनआईए ने 21 दिसंबर को हाई कोर्ट से राव को नानावती अस्पताल से तलोजा जेल अस्पताल या सरकार संचालित मुंबई स्थित जे जे अस्पताल भेजे जाने का आग्रह किया था। पीठ ने हालांकि, कहा था कि वह राव की नई मेडिकल रिपोर्ट देखेगी। राव जून 2018 में गिरफ्तार किए जाने के बाद से ही कभी अस्पताल में तो कभी अस्पताल से बाहर रहे हैं। वह नवी मुंबई की तलोजा जेल में बंद हैं। 16 जुलाई को वह कोविड-19 से संक्रमित पाए गए थे, जिसके बाद उन्हें नानावती अस्पताल ले जाया गया था। उन्हें 30 जुलाई को अंतिम जांच के बाद नानावती अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी और तलोजा जेल वापस भेज दिया गया था। राव और कुछ अन्य वामपंथी सामाजिक कार्यकर्ताओं को 31 दिसंबर, 2017 को महाराष्ट्र के पुणे में एल्गार परिषद के सम्मेलन के बाद कथित माओवादी संबंध को लेकर गिरफ्तार किया गया था।
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