भंडारा अग्निकांड की जांच कर दोषियों पर होगी कारवाई
मुंबइ
राज्य की आम जनता का सरकारी अस्पतालों पर विश्वास बना रहे, इसके लिए गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना प्रशासन का कर्तव्य है। भंडारा के जिला सरकारी अस्पताल में हुई घटना अब राज्य में कहीं भी दुबारा नहीं होगी। सरकारी मशीनरी की उदासीनता के कारण किसी निर्दोष की जान नहीं जानी चाहिए। उक्त विचार मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भंडारा जिला के अस्पताल में हुई दुर्घटना का जायजा लेते हुए व्यक्त किए। रविवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पीड़ित परिवारों से मिलने एवं घटनास्थल का जायजा लेने भंडारा पहुंचे थे।
घटना पर दुःख जताते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी अस्पतालों की अग्नि और विद्युत ऑडिट अनिवार्य की किए जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने अग्निकांड में बचाए गए सात बच्चों के चल रहे उपचार को लेकर उनके परिजनों से मुलाक़ात कर उनका हाल- चाल लिया। सीएम ने कहा कि भंडारा में हुई घटना के कारणों की जांच की जाएगी। साथ ही राज्य के सभी अस्पतालों का फायर और इलेक्ट्रिकल ऑडिट अनिवार्य किया जाएगा। घटना के सटीक कारण का पता लगाने के लिए विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी। प्रणाली में कमियों और त्रुटियों की व्यापक जांच करने का निर्देश दिया, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। इस घटना के बाद अस्पताल को बंद नहीं किया जाएगा, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए उपाय किए गए हैं कि नियमित रूप से ओपीडी जारी रहे। इसके लिए पुलिस बल की मदद ली जा रही है। ठाकरे ने अस्पताल से जुड़े अधिकारियों को निर्देश दिया कि इलाज के लिए आने वाले किसी को भी रोका न किया जाए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले, परिवहन मंत्री अनिल परब, राज्य मंत्री विश्वजीत कदम, सांसद सुनील मेंढे, विधायक नरेंद्र भोंडेकर, राजू करीमोर, अतिरिक्त मुख्य सचिव आशीष कुमार सिंह, संभागीय आयुक्त डॉ. संजीव कुमार, जिलाधिकारी संदीप कदम, जिला पुलिस अधीक्षक वसंत जाधव, स्वास्थ्य निदेशक डॉ. साधना तायड़े, स्वास्थ्य उप निदेशक डॉ. संजय जायसवाल, जिला सर्जन डॉ. प्रमोद खांडेट आदि उपस्थित थे।
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