कोलकाता
पश्चिम बंगाल में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा के नेतृत्व में चुनाव आयोग की टीम दो दिन के दौरे पर पहुंची। राज्य में शांतिपूर्ण चुनाव कराना आयोग की सबसे बड़ी चुनौती है। शुक्रवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि 30 मई को विधानसभा का कार्यकाल खत्म होगा। उन्होंने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को लेकर टीएमसी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एक राजनीतिक पार्टी द्वारा इस तरह का बयान देना दुर्भाग्यपूर्ण है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, ‘राजनीतिक दलों के साथ हमारी गहन बातचीत हुई। बहुत से दलों ने कानून और व्यवस्था की स्थिति को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने हाई वोल्टेज इलेक्ट्रोनिंग की बात की। इससे चुनावी प्रक्रिया खतरे में पड़ सकती है। कुछ सियासी दलों ने आशंका जताई कि बंगाल चुनाव के दौरान हिंसा हो सकती है। कुछ दल केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की जल्द तैनाती चाहते हैं। कुछ राजनीतिक दलों ने मतदाता सूची में विसंगतियों का भी जिक्र किया है।’
उन्होंने कहा, ‘कोरोना महामारी के कारण, मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ाई गई है। इससे पहले पश्चिम बंगाल में 78,903 मतदान केंद्र थे। अब राज्य में 1,01,790 मतदान केंद्र हैं। सभी मतदान केंद्र भूतल पर होंगे। हमें मुख्य सचिव, डीजीपी और गृह सचिव से आश्वासन मिला है कि मतदान से संबंधित किसी भी कार्रवाई के लिए कहीं भी कोई सिविक पुलिस नहीं होगी। बंगाल में जो परिस्थितियां बन रही हैं, उससे यहां पर शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कराना चुनाव आयोग के लिए बड़ी चुनौती है।’
एक साथ होगा पांच राज्यों में चुनाव की तारीख का एलान
बंगाल में विधानसभा चुनाव की तारीखों को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि जिन पांच राज्यों पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु और केरल में चुनाव होने हैं सबकी तारीखों का एलान एक साथ जल्द ही किया जाएगा। सभी दलों ने चुनाव के लिए यहां पर भारी संख्या में केंद्रीय बलों को तैनात करने की मांग की है।
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