हटाए जा सकते हैं आधे से अधिक जिलाध्यक्ष
पटना
बीते बिहार विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड की बड़ा धक्का लगा। पार्टी को उम्मीद से कम सीटें ही नहीं मिलीं, कम सीटों के कारण राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में उसकी स्थिति भी कमजोर हुई। पार्टी ने इसके कारणों पर मंथन के बाद अब जिम्मेदार अपने लोगों पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी कर ली है। माना जा रहा है कि आधे से अधिक जिलाध्यक्षों की कुर्सी जा सकती है। विधानसभा चुनाव में कम सीटें मिलने के बाद से जेडीयू नेतृत्व पार्टी के अंदर-बाहर लगातार फीडबैक ले रहा था।
इस दौरान लोक जनशक्ति पार्टी की भूमिका तो समाने आई तो अपनों पर भी अंगुलियां उठीं। बड़े पैमाने पर पार्टी के जिलाध्यक्षों की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई। यह बात उभरकर सामने आई कि विधानसभा चुनाव से पहले जमीनी हकीकत का आकलन नहीं किया जा सका। पार्टी ने अपने जिलाध्यक्षों की ईमानदारी को लेकर भी आंखें बंद कर लीं। अब पार्टी के अंदर गहन मंथन व पड़ताल के बाद जेडीयू बड़ा कदम उठाने जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी की कमान अपने विश्वासपात्र आरसीपी सिंह को सौंप दी है। लंबे समय से बीमार चल रहे बशिष्ठ नारायण सिंह की जगह उमेश कुशवाहा को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। सूत्र बताते हैं कि पार्टी में और भी कई बड़े फेरबदल किए जाने हैं। इसमें सामाजिक व जातीय समीकरणों का भी ध्यान रखा जाएगा। जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने भी बताया कि पार्टी में बड़े पैमाने पर फेरबदल की जाएगी। इसमें काम करने वाले ऊर्जावान व युवा तथा जमीनी पकड़ वाले नेताओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
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