पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में बार फिर एक हिन्दू अध्यापिका का जबरन धर्मपरिवर्तन कराने का मामला प्रकाश में आया है, जिसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है. पाकिस्तान के हिन्दू, सिख और इसाई अल्पसंख्यक समुदाय की रहनुमाई करने वाली संस्था व्हाइस ऑफ़ माइनॉरिटी ने इसकी निंदा की है और पाकिस्तानी हुकूमत से ऐसे मामलों पर कड़ी कार्रवाई करने और ऐसे अमानवीय कुकर्मों के खिलाफ कड़े कानूनी प्रावधान बनाने की मांग की है. जिससे जिस बेखौफ तरीके से विधर्मी 13 साल से लेकर 25 साल तक की गरीब युवतियों, नाबालिक बच्चियों को अगवा करते हैं और फिर उन पर नाजायज तरीके से दबाव डालकर उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए बाध्य करते हैं, उनसे निकाह करते हैं, यह बंद हो. यह पािकस्तान की हुकूमत के लिए चुल्लू भर पानी में डूब मरने की बात है, कि एेसे घृणित और कायराना पूर्ण पाप वहां दैनिक कार्यक्रम की तरह खुले आम हो रहे हैं. इस पर भारत, अमेरिका सहित पूरी दुनिया आपत्ति जता रही है. उसकी चार और थू-थू हो रही है, लेकिन दुनिया में मुस्लिम समाज का अगुवा बनाने का ख्वाब देख रहा पाक और उसका निजाम उनकी नाक के नीचे रोज अन्याय और अत्याचार हो रहे है, मानवता तार-तार हो रही है. वह नहीं देख पा रहे हैं. उस पर पाकिस्तान के एक मंत्री शैख़ रशीद जो अपने बड़बोले पन और आधारहीन हवाई बयान बाजियों को लेकर पूरी दुनिया में विख्यात हैं, अब पाकिस्तान में पूरे देश में िबजली गुल होने में भी भारत की करामत देख रहे हैं. उनका यह वक्तव्य भी उनके पिछले बयानों की तरह और उनकी मानसिक दिवालियापन की स्थित का परिचायक है. जिस देश में ऐसी विद्रूप सोच और मानसिकता के लोग मंत्री हो, उसका भगवान ही मालिक है. पािकस्तान में वह सब कुछ हो रहा है जो नहीं होना चाहिए. इसके बाद भी उसका गाल बजाना सतत जारी है, दुनिया बहुत ज्यादा दिन तक ऐसा तमाशा और निरीह रियाया पर होता दैनंिदन अत्याचार नहीं देख सकती. पाक या तो इसका सही समाधान करें अथवा दुनिया को इन रोते बिलखते अल्पसंख्यकों और उनके परिवारों को राहत और न्याय देने के लिए कड़ा कदम उठाना होगा.
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